सवाल-

मेरी बेटी 2 साल की है. उस की आंखों में थोड़ा सा भैंगापन है. क्या उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या अपनेआप ठीक हो जाएगी?

जवाब-

नहीं, भैंगेपन की समस्या कभी भी अपनेआप ठीक नहीं होती है, लेकिन सभी प्रकार के भैंगेपन का उपचार संभव है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से बच्चे की आंखों की जांच कराएं ताकि चश्मे, सर्जरी या दोनों के द्वारा इस समस्या को दूर किया जा सके. अगर समय रहते इस का उपचार न कराया जाए तो मस्तिष्क कमजोर आंख से मिलने वाली विजुअल इमेजेस की अनदेखी करने लगता है. इस से आगे चल कर धुंधला दिखाई देना, एक वस्तु की 2 दिखाई देनी जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

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डाइबिटीज एक तरह का मेटाबौलिज्म  डिसआर्डर है. सामान्यता हमारे द्वारा खाए गए भोजन का अधिकांश हिस्सा ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है. पाचन के बाद ग्लूकोज खून के जरिए कोशिकाओं तक पहुंचता है, जहां कोशिकाएं इस का उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने और उस की वृद्धि में करती हैं. इस कार्य में मददगार होता है पैंक्रियाज से निकलने वाला खास हारमोन इंसुलिन. डाइबिटीज से पीडि़त व्यक्तियों के शरीर से इंसुलिन निकलना बंद हो जाता है या कम होता है या फिर शरीर इस इंसुलिन का उपयोग ही नहीं कर पाता. ऐसे में शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, जो पेशाब के जरिए बाहर आने लगती है.

मुख्य रूप से डाइबिटीज 2 तरह की होती है :

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