जी हां अक्सर शादी के बाद पत्नियों की ये शिकायत होती है कि उनके पति शादी के बाद बदल गए हैं उनसे बिल्कुल भी प्यार नहीं करते हैं.उन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी में अब प्यार नाम का कुछ रह ही नहीं गया है बस घर का काम करो बच्चे संभालो यही सब रह गया है…पति भले ही कुछ न बोलें लेकिन आप सोचिए की उस वक्त पति के मन में उसके दिमाग में क्या चल रहा होता है जब उससे इतनी शिकायत हैं और घर चलाने की जिम्मेदारी भी.
शादी के पहले स्थिति इसलिए अलग होती है क्योंकि दोनों एक-दूसरे को नहीं जानते हैं और उनके अंदर इच्छा होती है एक-दूसरे के बारे में जानने की क्या उसे क्या पसंद है क्या नहीं पसंद है और चूकिं वो एक-दूसरे से दूर होते हैं इसलिए उन्हें एक-दूसरे से बात करने का भी मन होता है और रात-रात भर बात करते हैं.उन्हें वो पल बहुत ही स्पेशल लगता है और होता भी है.वो एक-दूसरे से छुप-छुप कर मिलते भी हैं क्योंकि भारतीय संस्कार में शादी से पहले एक-दूसरे से ज्यादा मिलना अच्छा नहीं माना जाता लेकिन फिर भी वो मिलते हैं सबकी नजरों से छुप कर और ये सब करना उन्हें अच्छा लगता है उनके लिए ये सब पल बेहद खास होते हैं औऱ अब तो ये आम बात हो गई है सभी मिलते हैं.
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अब बात आती है शादी की तो शादी होने के बाद भी वो काफी दिनों तक एक-दूसरे के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं और खूब सारी यादें संजोते हैं.साथ में घूमने जाते हैं लेकिन फिर धीरे-धीरे समय बीतने लगता है औऱ उनकी फैमिली आगे बढ़ती है बच्चे होतें हैं…पति के ऊपर जिम्मेदारी बढ़ने लगती है और फिर बच्चे का खर्च उसके कपड़े,खाना-पीना साथ ही जब वो बीमार पड़े तो उसकी दवाईयां ये सब कुछ,फिर धीरे-धीरे वही बच्चे बड़े होने लगते हैं औऱ उनका एडमिशन होता है और फिर स्कूल की फीस उनकी पढ़ाई –लिखाई पर खर्च ये सब कुछ एक पति सोचता है उसके दिमाग में यही चलता है कि बच्चे का खर्च औऱ उसका भविष्य सुधारने की चिंता.वो सोचता है कि सब कुछ तो है प्यार करने वाली पत्नी,बच्चे,घर परिवार तो अब जो नहीं है उसके बारे में सोचना चाहिए.अब आप सोचिए जिस इंसान के सर पर इतनी जिम्मेदारी होती है वो सिर्फ एक जगह पर फोकस कैसे कर सकता है? तो क्या ऐसे में एक पत्नी का ये कहना की उसका पति शादी के बाद बदल गया ये सही है?
मेरे हिसाब से तो नहीं क्योंकि स्थिति भी तो बदल जाती है बाद में.एक व्यक्ति का दिमाग एक वक्त में कई जगह चलता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो अपनी पत्नी के विषय में नहीं सोचता है वो सोचता है क्योंकि वो जो कुछ भी करता है अपने परिवार के लिए ही करता है उनके लिए ही दिन-रात मेहनत करके पैसा कमाता है ताकि वो सुख से रह सकें.उन्हें किसी भी चीज़ की कमी न हो.जो कुछ भी चाहें या कहें वो सब उन्हें मिल सके.तो इसलिए ऐसे में एक पत्नी का धर्म है कि वो अपने पति को समझे उनका साथ दें ना कि दिन-रात उनसे शिकाय़तें करें और क्योंकि आपका परिवार खुश रहे आपके पति खुश रहें ये सिर्फ एक पत्नी के ही हांथों में होता है.