पढ़ाई व नौकरी के सिलसिले में काफी बच्चे घर से बाहर रहने चले जाते हैं. मातापिता बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें भेज तो देते हैं लेकिन उन्हें हमेशा बच्चों के आने का इंतजार रहता है खासकर मां को. जब वे आते हैं तो मातापिता उन के लिए तरहतरह की तैयारियां करते हैं. बच्चों की हर इच्छा पूरी की जाती है. कभीकभी तो ऐसा भी होता है कि जब बच्चे आते हैं तब मातापिता इतना ज्यादा ध्यान रखने लगते हैं कि बच्चे को घर में ऊबन होने लगती है. वे चिड़चिड़ा व्यवहार करने लगते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली सपना कहती हैं, ‘‘जब मैं घर जाने वाली होती हूं तब 3-4 दिनों पहले से ही मेरी मम्मी फोन पर पूछने लगती हैं, क्या बनाऊं, तुझे क्या खाना है, कब आ रही है. जब मैं घर पहुंचती हूं तो हर 10 मिनट पर कहती रहती हैं ये खा लो, वो खा लो, अभी ये कर लो. 1-2 दिनों तक तो मुझे अच्छा लगता है, लेकिन फिर मुझे गुस्सा आने लगता है. गुस्से में कईर् बार मैं कह भी देती हूं कि क्या मम्मी, आप हमेशा ऐसे करती हैं, इसलिए मेरा घर आने का मन नहीं करता.’’
बच्चों के आने की खुशी में मांएं अकसर ऐसा करती हैं. यह ठीक है कि आप अपने बच्चे से बहुत प्यार करती हैं, घर आने पर उसे हर सुखसुविधा देना चाहती हैं लेकिन कईर् बार इस स्पैशल अटैंशन की वजह से बच्चे बिगड़ भी जाते हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे घर जाएंगे तो उन की हर इच्छा पूरी होगी तो वे इस बात का फायदा उठाने लगते हैं. कभीकभी तो वे झूठ बोल कर चीजें खरीदवाने लगते हैं. बात नहीं मानने पर वे मातापिता से गुस्सा हो जाते हैं और घर नहीं आने की धमकी देने लगते हैं. इसलिए, जरूरी है कि आप संतुलन बना कर रखें. बच्चों के साथ सामान्य व्यवहार करें ताकि उन्हें यह न लगे कि वे अपने घर के बजाय किसी गैर के यहां मेहमान के रूप में रहने आए हैं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन