प्रतिभा श्रीवास्तव अंश (भोपाल, मध्यप्रदेश)
आज उम्र के तीसरे पड़ाव पर हूं. दोस्ती क्या चीज है यह बात अब जाके समझी हूं. कहते है कि हर कामयाब पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है शायद सच है क्योंकि मेरी कामयाबी के पीछे भी मेरी दोस्त लक्ष्मी का हाथ है. जो अदृश्य रूप से मेरे साथ हर कदम पर खड़ी होती है. मेरी मित्र कर्ण की तरह है जो मेरे अवगुण पर मेरा साथ देती है. मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं लक्ष्मी....
जीवन पथ पर जैसे-जैसे अग्रसर होते है. हमारे दोस्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. जब लेखन के क्षेत्र में मेरी पहचान बनने लगी तो मेरे कुछ नये दोस्त भी बने...जो मेरे दिल के बहुत करीब है....और हमारी दोस्ती की खास बात यह है कि हम महीनों-महीनों बात तक नही करते पर जब एक दूसरे की आवश्यकता होती है तो फौरन पहुंच जाते है उसके पास. वैसे यही तो एक रिश्ता है जिसमे ना कोई बंधन ना कोई रोक-टोक. एक पवित्र रिश्ता निस्वार्थ भावना लिए, जिसे हम मित्रता कहते है.
आज इतने वर्षों में यह दिन मेरे लिए खास है क्योंकि मैंने कभी कहा ही नहीं अपने दोस्तों से की तुम मेरी जिंदगी में क्या हो. यही सोचती रही कि क्या कहना, पर मैं गलत थी कभी-कभी कह देना भी अच्छा होता है. प्यार की मधुरता व विश्वास बढ़ जाता है. प्रिय लक्ष्मी, रोहिणी, मौसमी, शालिनि व शशि और अंजलि तुम सब के बिना प्रतिभा अंश मात्र की भी नहीं.
एडिट बाय- निशा राय