शादी के पहले हम हज़ारों सपने देखते हैं कि हम अपनी शादी में यह करेंगे वह करेंगे, सारी रस्मे निभाएंगे. हम बहुत खुश होते हैं. लेकिन क्या होता है शादी के बाद? हमारे अंदर ईगो आ जाता है क्यों?

क्या ईगो हमारे प्यार से ज्यादा जरूरी है हमारे आत्म सम्मान से ज्यादा जरूरी है?

अहंवाद में आकर शादी के जोड़े अपनी शादी को बर्बाद कर देते हैं. आत्म सम्मान और अहंकार के बीच एक ऐसी रेखा है जिसकी दूर दूर तक कोई समानता नहीं है.

कुछ लोग तो आत्म सम्मान और अहंकार में फर्क ही नहीं समझते . दोनों के बीच कोई समानता नहीं है यह दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग है. आत्मसम्मान का मतलब खुद का सम्मान करना और ईगो का मतलब दूसरों का अनादर करना .

अहंवाद एक ऐसी समस्या है जिससे ना जाने कितने रिश्ते टूटते और बिखरते हैं.

इस अहंकार की वजह से ही रिश्तों की खनक नहीं गूंजती. अपने हो पार्टनर के सामने किसी और की तारीफ करना ये डिवोर्स का बड़ा कारण हैं.

अपनी सीमा को मत लांघे , क्यूंकि एक सीमा से कोई भी चीज उपयुक्त नहीं है.

कैसे इगो को खत्म करें :

अगर आपको अपने पार्टनर की कोई चीज अच्छी लगती है तो उसकी तारीफ करने से कभी नहीं हिचकिचाएं. ऐसा करने से आपके बीच में प्यार बढ़ेगा और दूरियां कम होंगी.

ये भी पढ़ें- जानें वह 6 बातें जिनसे चिढ़ते हैं आपके पति

हम सब जानते हैं कि दो पार्टनर एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं लेकिन कहने से हिचकिचाते हैं. ये हिचक आपके लिए अनावश्यक समस्याओं को जन्म दे सकती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...