नेहा देखने में बहुत ही सुंदर थी. लंबा कद, छरहरा सांचे में ढला बदन, बोलती आंखें और लंबेघनेकाले बाल देख कर कोई भी उस की तारीफ  करने से खुद को रोक नहीं पाता था. एमबीए करने के बाद जब वह अपनी पहली नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रही थी तो किसी को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि उसे इंटरव्यू में फेल भी किया जा सकता है.

नेहा भी यह मान रही थी कि वह आज सफल हो कर ही लौटेगी. इंटरव्यू के दौरान जब नेहा से सवाल किए गए तो वह उन का सही तरह से जवाब भी दे रही थी, इंटरव्यू के दौरान ही नेहा की मुलाकात दीपा से हुई. वह भी देखने में नेहा जैसी ही थी पर पता नहीं क्यों नेहा को बारबार यह लग रहा था जैसे कि नेहा की जगह दीपा को ही इंटरव्यू में चुना जाएगा. नेहा का अंदाजा सही निकला, इंटरव्यू के बाद दीपा को ही कंपनी सैक्रेटरी के लिए चुना गया था.

नेहा के करीबी लोगों को जब इस बात का पता चला तो उन का कहना था कि इंटरव्यू के दौरान दीपा का पक्ष ले लिया गया होगा. इस के जवाब में नेहा ने कहा, ‘‘नहीं ऐसी बात नहीं है. दीपा में आत्मविश्वास साफतौर पर  झलक रहा था जबकि मैं उस का मुकाबला नहीं कर पा रही थी. मु झे उसी समय लग गया था कि दीपा मु झ से बाजी मार ले जाएगी.’’

नेहा ने इस के बाद कैरियर कांउसलर दिशा संधू से मुलाकात की और अपनी पूरी बात बताई. दिशा संधू ने नेहा को बताया कि उस की पर्सनैलिटी तो बहुत अच्छी है. बस, इस को थोड़ी सी ग्रूमिंग की जरूरत है. इस के लिए उन्होंने कुछ टिप्स नेहा को बताए. इस के बाद नेहा की पर्सनैलिटी में बहुत सुधार हुआ और नेहा का अगले इंटरव्यू में चयन हो गया. पर्सनैलिटी ग्रूमिंग के टिप्स कम आकर्षक लोगों के लिए भी बहुत काम के साबित होते हैं.

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