डियर हबी...
सुना तो कई बार था लेकिन यकीन कभी नहीं था... क्योंकि पहली नजर में आप किसी से प्यार कैसे कर सकते हैं... लेकिन ये सोच तब बदली जब आपसे मुलाकात हुई... प्यार तो नहीं हुआ, लेकिन एक कनेक्शन जरूर हो गया... जिससे हम बार-बार मिले और कुछ ही मुलाकातों में मैंने ये फैसला कर लिया कि आप ही वहीं इंसान हो... जिसके साथ मैं अपनी पूरी जिंदगी गुजार सकती हूं...
आप मेरे सीनियर थे... फिर दोस्त बने लेकिन कब सब कुछ बन गए ये तब पता चला जब हमने अलग होने का फैसला किया... क्योंकि इस प्यार की कोई मंजिल नहीं थी... लेकिन शायद हमारी जोड़ी रब ने बनाई थी, तभी तो बार-बार दूर जाने के बाद भी हम हर बार वापस एक हो गए...
हालांकि, हमें एक कराने में कई लोगों का हाथ हैं लेकिन सबसे ज्यादा मदद की आपके प्यार ने, जिसनें मुझे कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया... और मैं हर मुश्किल से लड़ने के लिए तैयार थी... आखिरकार हमारा इंतजार रंग लाया और हमने अपने परिवारवालों को इस रिश्तें के लिए राजी ही कर ही लिया...
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जैसी हूं वैसे अपनाया, कभी बदलने की कोशिश नहीं की...
आपने कभी मुझमें कोई चेंज नहीं करना चाहा, मैं जैसी हूं वैसी ही मुझे अपनाया... शायद इसलिए मैं आपसे इतना प्यार करती हूं... हालांकि, एक शिकायत भी है कि क्यों इतना भरोसा करते हो, कभी कोई रोक-टोक नहीं करते दूसरे लड़कों की तरह... कितना भी कोशिश करूं आपको जलन ही नहीं होती... शायद ये हमारे सच्चे प्यार और दोस्ती का ही सबूत है कि आप मुझ पर इतना विश्वास करते हो...
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