रीना रावत, (दिल्ली)

हर प्रेम कहानी अपने आप में बेमिसाल है, ऐसी ही मेरी कहानी है. एक स्कूल में पढ़ाने के लिए अपनी दी के साथ गई तो साथ में मुझे भी ऑफर मिल गया. उस टाइम मैं फ्री थी तो सोचा टाइमपास भी होगा और बच्चों का साथ भी मिलेगा.

तो हुआ यूं के जनाब यानी के हमारे वो उसी स्कूल में प्रिंसिपल के लिए अपौइंट हुए थे. नोएडा में जॉब के दौरान वो बीमार हुए तो घरवालों ने वापस बुला लिया था. इसलिए तब तक खाली रहने से बेहतर उन्होंने स्कूल ज्वाइन कर लिया.

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अब सुनिए हमारी लव स्टोरी

वो ठहरे शांत, गंभीर और हैंडसम नौजवान और मै सांवली सी, बातूनी-हंसी मजाक करने वाली. मेरी यही अदा कब उनको मेरा दीवाना कर गई मुझे भी नहीं पता चला. एक दिन किसी काम से मुझे 3 दिन के लिए बाहर जाना पड़ा. वो तो जैसे बीमार ही हो गए और जब मै वापस आई तो उन्होंने मुझसे कहीं बाहर मिलने की बात कही.

मन ही मन में सब समझने लगी थी और उनको पसंद भी करती थी. हम मिले और उन्होंने सीधा मुझसे बोला क्या आप मेरी जीवनसाथी बनेगी, मुझे आप बहुत पसंद है अगर आप नहीं मिली तो जीवन में मै कभी शादी नहीं करूंगा. मुझे ऐसे प्रपोजल की उम्मीद नहीं थी, मुझे लगा ये मजाक कर रहे है क्योंकि ये मुझसे कहीं ज्यादा गुड लुकिंग है. इसके बाद हमारा प्यार और मुलाकात दोनों बढ़ते रहे.

अगर आज भी लोग कुछ बोल देते है तो यही मुझे समझाते है बोलने दो क्योंकि हीरे की कीमत जौहरी जानता है. तुम तो कोहिनूर हो. बस यही मैं भी हार गई.

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