"क्या बात है राहुल आज तुम स्कूल से इतना सुस्त क्यों आए"? "आज मेरे स्कूल में डांस के लिए फाइनल राउंड सिलेक्शन हुआ. मैंने इतना अच्छा डांस किया फिर भी मुझे डांस टीचर में सिलेक्ट नहीं किया."
"अच्छा यह तो बहुत गलत बात है! मेरा राहुल तो बहुत अच्छा डांस करता है. कोई नहीं, मैं कल स्कूल आकर तुम्हारे टीचर से बात करतीं हूं."
और अगले दिन मिसेज सिन्हा राहुल के स्कूल डांस टीचर से मिलने पहुंच गयी़. सबसे पहले तो उन्होंने अपने स्टेटस अपने पैसे का जोर दिखाया और फिर डांस टीचर पर दबाव बनाने की कोशिश की, ताकि डांस कॉन्पिटिशन टीम में राहुल का भी चयन हो जाए.
बच्चों की भलाई हर माता पिता की चाहत होती है. और इस भलाई के लिए माता पिता जी जान लगा देते हैं. वो हर उस जरूरी कदम को उठाने की कोशिश करते हैं जो संतान के भविष्य को सुरक्षित करती हो.
इसीलिए कहा जाता है कि दुनिया में माता पिता से ज्यादा प्यार और कोई भी नहीं कर सकता. लेकिन हर बात एक हद्द तक ही अच्छी लगती है. माता पिता के प्यार में भी ये बात लागू होती है. बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने की भी जरूरत है. बिल्कुल उसी तरह जैसे कोई पक्षी अपने बच्चों को उड़ने का मौका देता है.
इसके लिए बच्चों को उनके हाल पर छोड़ने और हालातों का खुद सामना करने देने की भी जरूरत पड़ती है. लेकिन इसके विपरीत कुछ अभिभावक पहले से ही भविष्य की पूरी रणनीति तैयार कर लेते हैं. वो खुद ही बच्चों का हर अगला कदम तय करने लगते हैं. बच्चों के रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी खुद ही दूर करने की कोशिश करते हैं.