सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है और 10वीं कक्षा की परीक्षाएं लिए बिना सब के 11वीं कक्षा में भेज दिया है. मातापिता व छात्रों ने थोड़ी राहत की सांस ली है पर यह एक बड़ा बो झ है, जो वर्षों तक कीमत मांगेगा.
12वीं कक्षा की परीक्षाओं का टलना मतलब आगे के प्रवेश बंद. कालेजों, टैक्नीकल इंस्टिट्यूटों, विदेशी कालेजों आदि में सैकड़ों एडमीशनें 12वीं कक्षा की समय पर होने वाली परीक्षाओं पर टिकी हैं. 12वीं कक्षा की परीक्षा न केवल युवाओं के लिए चैलेंज है वरन उन के मांबाप की परीक्षा भी है और बेहद मोटा खर्च भी. यह परीक्षा उन सब के सिर पर सवार रहेगी और खर्च चालू रहेगा. 12वीं कक्षा की परीक्षा महीने 2 महीने बाद होगी और तब तक तैयारी करते रहना होगा.
इस बीच कितनी जगह प्रवेश परीक्षाओं का शैड्यूल है. कुछ पोस्टपोन कर देंगे कुछ नहीं. जब तिथि आएगी तो पता चलेगा कि डेट्स क्लैश कर रही हैं. युवाओं ने पहले फौर्म भर रखे थे यह देख कर कि कोई परीक्षा क्लैश न हो. अब नए सिरे से डेट्स मिलेंगी तो क्लैश तो होंगी ही.
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शिक्षा उद्योग भी अब सब से ज्यादा लाभदायक उद्योगों में आता है, जो बेहद क्रूर और लुटेरा है. इस में मांग ज्यादा है, सप्लाई कम. इसलिए हर व्यापारी अपने नियम बनाने में स्वतंत्र है बिना दूसरों की चिंता किए, बिना यह सोचे कि यदि कोविड-19 के कारण डेट्स क्लैश कर रही हैं या युवा परीक्षा में आ नहीं सकते तो क्या करना है. हर व्यापारी को खुद की कमाई की लगी है और हर मांबाप की जेब खाली हो रही है.