कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन का देश के ग्रामीण इलाकों के लोगों की रोजीरोटी पर बुरा असर पड़ा है. हालांकि अभी तक देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का उतना प्रकोप नहीं दिखा, जितना कि शहरी क्षेत्रों में इस का खौफ देखा गया.

कोरोना से जंग जीतने के लिए घोषित लॉकडाउन ने देश के 80 फ़ीसदी से ज्यादा कामगारों की कमर तोड़ दी है. लॉकडाउन के दौरान इन की कमाई पर काफी बुरा असर पड़ा है. इन में काफी लोग ऐसे हैं, जिन का बिना सहायता के ज्यादा दिनों तक जीना मुश्किल है. इन लोगों की जिंदगी पटरी पर लाने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है.

1. अधितकर की हालत खराब

एक सर्वे के मुताबिक देशभर के 5,800 परिवारों से बात की गई. शोधकर्ताओं का कहना है कि लॉकडाउन से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की रोजीरोटी पर इस ने बड़ा असर डाला है. शोध में बताया गया है कि देश की 130 करोड़ की आबादी में शामिल बड़े वर्ग की कोरोना संकट के कारण कमर टूट गई है.

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2. कमाई प्रभावित होने से गहराया संकट

सर्वे के मुताबिक देश के 84 फ़ीसदी लोग महज 3,801 रुपए तक की कमाई कर पाते हैं और इन्हीं लोगों पर कोरोना संकट का गहरा असर पड़ा है. इन लोगों के पास भविष्य के लिए कोई जमा पूंजी नहीं है और लॉकडाउन के कारण इनकी कमाई प्रभावित होने से जिंदगी के लिए संकट खड़ा हो गया है.

3. पांच राज्यों पर सब से बुरा असर

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