Adult Content Influencer : साइंस एंड टैक्नोलौजी में पीएचडी करने वाली जारा डार अपने पीएचडी के सफर को अधूरा छोड़ कर एडल्ट कंटैंट बनाने लगी हैं. इस से वह सफल हुईं और खूब पैसा कमाया है. मगर हायर एजुकेशन लेने के बाद इस तरह के प्लेटफौर्म्स पर एक्टिव होना क्या सच में सफलता का पैमाना है?
क्या सोशल मीडिया पर पैसा कमाने की राह सिर्फ एडल्ट कटैंट परोस कर ही बनती है? वो भी तब जब कोई पीएचडी जैसी पढ़ाई कर रही/रहा हो? क्या यह तमाम रिसौर्सेज का नुकसान करना नहीं है?
सोशल मीडिया पर आएदिन ऐसे वीडियोज की भरमार रहती है जिसे देख कर लगता है कि लोग पैसा कमाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. एक ऐसी ही पीएचडी स्कौलर है जो अपनी पढ़ाई छोड़ कर एडल्ट वीडियोज बनाने लगी है.
फेमस यूट्यूबर और ओनलीफैन्स स्टार
अमेरिका की रहने वाली 26 साल की मौडल जारा डार एक फेमस यूट्यूबर और ओनलीफैन्स स्टार है, जो मौजूदा समय में अपने सोशल मीडिया और औनलाइन प्लेटफौर्म्स पर काफी सफलता हासिल कर चुकी है. जारा डार सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है. इस की वजह है कि जारा डार ने कुछ दिन पहले अपने यूट्यूब अकाउंट का सहारा लेते हुए बताया था कि वह अपनी पीएचडी छोड़ कर ओनलीफैन्स पर एडल्ट कटैंट बनाएगी.
इस के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मच गई. इस तरह के प्लेटफौर्म्स पर एक्टिव होना वो भी तब जब आलरेडी आप अपने कैरियर में सक्सैस हैं हैरान करता है. खासकर उन लोगों को जो अपने सक्सैसफुल फ्यूचर के लिए हायर एजुकेशन प्राप्त कर रहे हैं. वैसे भी भारत में हायर एजुकेशन तक पहुंचना प्रिविलेज की बात है.
मौजूदा समय में सोशल मीडिया पर ऐसे कटैंट को काफी देखा जा रहा है. युवा इन्हें रातदिन देखते हैं, जिस से इन की फैन फौलोइंग लाखोंकरोड़ों में हो जाती है और वायरल होने के लिए लोग किसी भी हद तक गुजर जाते हैं. जारा डार भी उन्हीं में से एक है.
अमेरिका की रहने वाली जारा, जो भारतीय मूल की है, ने टैक्सस यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की है. उस के यूट्यूब चैनल को देखने से पता चलता है कि वो काफी समय से यूट्यूब पर वीडियोज बना रही है. ओनलीफैन्स की मौडल बनने से पहले जारा डार युवाओं को खासकर, लड़कियों को साइंस और टैक्नोलौजी की ओर प्रेरित करती थी.
मशीन लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क जैसे टैक्निकल टौपिक्स पर Videos
उस के यूट्यूब चैनल पर एक लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. पहले उस के वीडियो मशीन लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क जैसे टैक्निकल टौपिक्स पर होते थे, लेकिन उसे छोड़ कर एडल्ट कटैंट बनाना शुरू कर दिया, जिस से वह रातोंरात फेमस हो गई और तकरीबन 8 करोड़ रूपए कमा चुकी है.
आप को बता दें कि जारा के एजुकेशनल कटैंट में भी बोल्ड लुक की खासी झलक देखने को मिलती है. उस की ड्रैसेज काफी एक्स्पोजिव होती हैं. यह भी एक वजह है कि उन के एजुकेशनल वीडियोज पर भी लाखों व्यूज और लाइक्स मिलते हैं. लोग जारा के एडल्ट कटैंट को काफी पसंद कर रहे हैं, जिस का फायदा जारा को काफी तेजी से हो रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ये सब पैसे का खेल है?
12 दिसंबर के दिन जारा अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड करती हैं जिस का टाइटल है, “पीएचडी ड्रौपआउट टू ओनलीफैन्स मौडल.” इस वीडियो में वो अपने एकैडेमिक कैरियर को छोड़ने के फैसले पर बात करती है. अपने वीडियो में वो बताती है कि जैसी लाइफस्टाइल वो पसंद करती थी, वो किसी और के विजन पर काम कर रहे हैं. उसे नौकरी और सैलरी की टेंशन नहीं चाहिए थी. जारा के मुताबिक शिक्षा एक तय रास्ते पर चलने को मजबूर करती है, वहीं दूसरी तरफ एडल्ट कटैंट की इस दुनिया में सफलता की कोई सीमाएं नहीं हैं.
उस का मानना है कि उस की मेहनत से कोई और अमीर क्यों बने. जारा ने आगे कहा कि पीएचडी छोड़ने के बाद भी वो ऐसे साइंस और टैक्नोलौजी से जुड़े कटैंट यूट्यूब पर अपलोड करती रहेगी. जारा बताती है कि उस के लिए ये आसान नहीं था, लेकिन उसे इस का अब कोई अफसोस नहीं है.
जारा के इस वीडियो से सोशल मीडिया पर खलबली मच गई. उस के इस डिसीजन के बाद से लोगों ने अपनीअपनी राय देनी शुरू कर दी है. इस बात में शक नहीं है कि पीएचडी जैसी लंबी अवधि की एजुकेशन को छोड़ कर एडल्ट कटैंट बनाना, पढ़ाई के दौरान इस्तेमाल किए गए रिसोर्सेज की बरबादी है. दुनिया में कितने ऐसे लोग हैं जो पीएचडी जैसी हायर डिग्री कर पाते हैं? हायर डिग्री हासिल करना कोई आसान काम नहीं है. इस में समय के साथसाथ मोटी रकम और रिसोर्सेज की जरूरत होती है. परिवार का पैसा तो लगता ही है सरकार और समाज का संसाधन भी लगता है.
एडल्ट कटैंट बनाना कोई बड़ी बात नहीं
किसी व्यक्ति का पीएचडी लेवल की पढ़ाई करना कोई आम बात नहीं है, अगर किसी को यह अवसर मिलता है तो उस से उम्मीद भी होती है कि वह कोई नई रिसर्च और अपनी पढ़ाई से समाज का कुछ भला करे. लेकिन जारा डार ने इस के विपरीत पैसे कमाने का जरिया ढूंढा.
एडल्ट कटैंट बनाना कोई बड़ी बात नहीं है, जारा के लिए यह उन की चोइस है और इस में कुछ गलत नहीं है मगर सवाल यह है कि जब इस तरह के कटैंट की भरमार पहले से ही है तो उन्होंने इतना पढ़लिख कर क्या नया दे दिया? किसी नामी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई छोड़ना कोई महानता का काम नहीं है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस तरह का कटैंट एक सीमित समय तक ही चलता है. लोग आप को तब तक देखना पसंद करेंगे जब तक आप में स्पार्क है.
फीस लगभग 5 डौलर से ले कर 50 डौलर
ओनलीफैन्स, पोर्नहब समेत कई ऐसी साइट्स हैं जिन में एडल्ट और एरोटिक कटैंट बना कर मौडल्स लाखोंकरोड़ों रूपए कमा रही हैं. हालांकि ओनलीफैन्स बाकी पोर्न साइट्स से कुछ अलग काम करती है. इसे साल 2016 में ब्रिटिश बिजनेसमैन टिम स्टोकली द्वारा शुरू किया गया था. जिस की मदद से इनफ्लुएंसर और क्रिएटर्स इसे दूसरे यूजर्स के साथ शेयर कर, कटैंट को मौनीटाइज करते हैं. यूजर्स मंथली सब्सक्रिप्शन फीस देते हैं. ये इस बात पर निर्भर करता है, कि आप किसे सब्सक्राइब कर रहे हैं और वे किस तरह का कटैंट दे रहे हैं.
सब्सक्रिप्शन की फीस लगभग 5 डौलर से ले कर 50 डौलर तक हो सकती है. इस प्लेटफौर्म का बिजनैस कुछ ओला या उबर की तरह काम करता है. जिस में व्यूअर्स अपनी पसंद की मौडल का सबस्क्रिप्शन लेते हैं और पसंद के हिसाब से मौडल को पैसे देते हैं. ओनलीफैन्स इस बीच अपना प्लेटफौर्म चार्ज लेते है. उस का हिस्सा परसेंटेज के हिसाब से बंधा है. इस प्लेटफौर्म पर क्रिएटर्स अपनी पहचान छुपा सकते हैं. कोरोना के बाद से इस प्लेटफौर्म पर क्रिएटर्स की संख्या काफी बढ़ गई है, जिस से मौडल्स करोड़ों रूपए कमा रही हैं.
पिछले कुछ दिनों में भारत में भी ओनलीफैन्स की पौपुलैरिटी काफी बढ़ गई है. इस का कारण यह है कि भारत की दो सोशल मीडिया क्रिएटर और मौडल्स पूनम पांडे और शर्लिन चोपड़ा भी इस प्लेटफौर्म से जुड़ी हुई हैं. पूनम पांडे पोर्नोग्राफिक कटैंट देती है. सोशल मीडिया के साथसाथ ये दोनों ही ओनलीफैन्स पर पौपुलैरिटी और फैन्स बटोर रही हैं.
जारा डार का मामला इसलिए हैरान कर देने वाला है कि हायर लेवल की पढ़ाई करने के वाले प्रिविलेज हासिल करने वाले जब इस तरह के प्लेटफौर्म को अपनाते हैं तो ये उन युवाओं के मन में सवाल खड़ा करता है जो पढ़ाई या किसी दूसरे कैरियर के भरोसे बैठे हैं.