इटली की हैलीकौप्टर कंपनी अगस्ता से 12 एडब्लू 101 हैलीकौप्टरों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार पर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने पूर्व एयरमार्शल शशिंद्र पाल त्यागी को गिरफ्तार कर लिया है. 2010 में हुए इस सौदे पर 2012 में ही मीडिया में हेराफेरी की भनक लग गई थी और 2014 में इटली की एक अदालत ने हैलीकौप्टर बनाने वाली कंपनी अगस्ता के प्रमुख को जेल की सजा दे दी थी. अप्रैल 2014 में इटली कोर्ट के कागजों में शशिंद्र पाल त्यागी का नाम आया पर जीरो सहन करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने दिसंबर 2016 में उन्हें तब गिरफ्तार किया जब पूरा देश नोटबंदी के भ्रष्टाचार की मार बुरी तरह सह रहा था.

कतारों में लगे देश को इटली से हुए सौदे में हेराफेरी से कोई दर्द हुआ, यह साफ नहीं क्योंकि आजकल तो देश अपने साथ सरकार के ही किए भ्रष्टाचार से पीडि़त है.

अगर सरकारें अपने पैसे को सुरक्षित नहीं रख सकतीं तो चाहे कांग्रेस सत्ता में हो या भारतीय जनता पार्टी की खुद को महाईमानदार बताने वाली सरकार, जनता को यही लगेगा कि हम जो सरकारें चुन रहे हैं वे एक से बढ़ कर एक हैं.

12 हैलीकौप्टरों की खरीद में रिश्वत लेना कोई नई बात नहीं है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय सौदों, खासतौर पर सैन्य सामान की खरीद, में रिश्वत तो होती ही है और दुनिया के सारे देश इस में माहिर हैं. सैनिक सामान बनाने वाली कंपनियां जानती हैं कि वे जो भी बेच रही हैं, उस का कोई मूल्य तय नहीं हो सकता और वे जितना चाहें, मनमाने दाम ले सकती हैं. हर देश इस तरह की खरीद गुप्त रखता है और नेता व सैनिक अफसर इस का पूरा लाभ उठाते हैं, लगभग हर सौदे में. ऐसे सौदे किसी भी देश में हों, रिश्वत तो ली ही जाती है.

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