‘वर्ल्ड गिविंग इंडैक्स’ के मुताबिक किसी अजनबी की मदद करने में अमेरिकियों का स्थान दुनिया में पहला है. इसी तरह अमेरिका में 69% से ज्यादा फायर फाइटर्स, वौलंटियर्स हैं. ऐसी कितनी ही बातें हैं, जो अमेरिकी मानसिकता को भारतीयों से भिन्न बनाती हैं. ज्यादातर भारतीयों की तरह अमेरिकी निठल्ले बैठना पसंद नहीं करते. वे मेहनती होते हैं. नए आईडियाज डैवलप करने, नई सोच सामने रखने या फिर चीजों को नए तरीके से करने का प्रयास करने में अमेरिकी नहीं हिचकते और अकसर परिणाम आश्चर्यजनक निकलते हैं. काम के प्रति उन का जनून और सकारात्मक प्रवृत्ति देखते ही बनती है.

काफी हद तक मानसिकता में इस अंतर का ही नतीजा है कि अमेरिकी हम से बहुत समृद्ध और विकसित हैं. ज्यादातर पिछड़े या विकासशील देशों जिन में भारत भी शामिल है के युवाओं के लिए अमेरिका सपनों की मंजिल के समान है तभी तो यहां आने और बसने की होड़ लगी रहती है. पर सिक्के का दूसरा पहलू भी है. अच्छाइयों के साथसाथ यहां की जीवनशैली में कुछ कमियां भी हैं.

यदि भारतीय प्रयास करें तो अमेरिका की अच्छाइयों को अपने जीवन में उतार कर और मानसिकता में बदलाव ला कर अपने देश के प्रति भी वैसा आकर्षण पैदा कर सकते हैं, जिस की चाह हम भारतीयों को अमेरिका की ओर खींचती है.

अमेरिका विश्व के समृद्ध, शक्तिशाली व विकसित देशों में एक है. यह भारत से 3 गुना से भी ज्यादा बड़ा है जबकि इस की जनसंख्या भारत से 4 गुना कम है. काश, अगर आजादी के बाद हम अपनी जनसंख्या पर नियंत्रण रख पाते तो हमारी स्थिति कहीं बेहतर होती.

आजकल अमेरिका पिछड़े और विकासशील देशों के लोगों के लिए सपनों की मंजिल है.

अच्छा पहलू

उच्च जीवन स्तर: यहां लोगों का जीवन स्तर काफी ऊंचा है. यहां पार्टटाइम घरेलू काम जैसे कुकिंग, सफाई, माली आदि का काम करने वालों के पास भी सभी सुविधाएं जैसे कार, टैलीविजन, स्मार्टफोन, माइक्रोवैव आदि उपलब्ध हैं.

पर्याप्त अवसर: यहां हर किसी को अपनी योग्यता के अनुसार जीवन में पर्याप्त अवसर हैं. सब को आगे बढ़ने के समान अवसर हैं. किसी जाति, धर्म या अल्पसंख्यक के नाम पर रिजर्वेशन नहीं है. अमेरिका संभवतया दुनिया का ऐसा देश है जहां केवल अपनी क्षमता के बल पर दुनिया में सब से ज्यादा बड़े उद्योगपति हुए हैं.

श्रम की इज्जत: आप चाहे छोटे से छोटा काम करते हों या फिर किसी बड़ी कंपनी के चेयरमैन क्यों न हों, यहां का समाज दोनों का बराबर आदर करता है. इसी तरह व्यापार में भी समान आदर दिया जाता है. आप किसी छोटे पेशे जैसे बाल काटने या किसी बड़ी कंपनी के मालिक हैं, कानून दोनों को बराबर मानता है, समाज भी कोईर् भेदभाव नहीं करता है.

धार्मिक और नस्ली भेदभाव नहीं: यहां कानून और समाज दोनों की नजर में धर्म, नस्ल या जाति के नाम पर कोई भेदभाव नहीं है. यही कारण है कि दुनिया के लगभग सभी देश, धर्म और नस्ल के लोगों के रहते हुए भी यहां आपस में दंगे, आगजनी, लूटपाट नहीं होती है. हालांकि कुछ छिटपुट नस्ल की घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. आज अमेरिका में अनेक सरकारी पदों पर तथा अनेक प्रमुख कंपनियों के उच्च पदों पर गैरअमेरिकी मूल के लोग मिलेंगे, जिन में कई भारतीय भी हैं.

अपना भविष्य खुद चुनें: यहां स्कूलों और कालेजों में पढ़ाई के दौरान आप को जिस विषय में रुचि हो अपना भविष्य खुद चुनें और आगे बढ़ें. हमारे यहां ज्यादातर बच्चों को मातापिता की इच्छा के अनुसार डाक्टर, इंजीनियरिंग आदि क्षेत्र का चुनाव करना पड़ता है.

सामाजिक समानता: यहां लोगों की आमदनी में बहुत बड़ा फासला होते हुए भी समाज में कम आय वालों के प्रति कोई हीनभावना नहीं है.

समान कानून और अधिकार: इस देश में सब के लिए एक कानून लागू है. धर्म या जाति के नाम पर कोई दूसरा कानून या रिजर्वेशन नहीं होता है.

स्वतंत्र देश, स्वतंत्र नागरिक: अमेरिका सही मामले में स्वतंत्र देश है और इस के नागरिक भी पूर्ण स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं. अमेरिकी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करते. यहां स्वतंत्रता के नाम पर आए दिन हड़ताल, बंद या तोड़फोड़ की घटना नहीं होती है.

एक राष्ट्र: अमेरिका में 50 राज्य होते हुए भी वह एक राष्ट्र है. हमारे यहां हम लोगों में बंगाली, गुजराती या महाराष्ट्रियन आदि होने की भावना पहले है.

कठोर अनुशासन: यहां नियमों का पालन करना अनिवार्य है, आप चाहे जो भी हों. यातायात के नियमों का अच्छी तरह पालन किया जाता है. हाल ही में विश्व रिकौर्ड और विश्वविख्यात तैराक माइकल फेल्प जिन्होंने 2016 के ओलिंपिक तक 22 स्वर्ण पदक ले कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है, उन्हें भी 2 बार नशे में कार चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था.

शांतिपूर्ण मतदान: यहां का मतदान पूर्णतया शांतिपूर्वक होता है.

अभिवादन: अमेरिका में कहीं भी जाएं अमेरिकी हंस कर अभिवादन करते मिलेंगे. ज्यादा बातें नहीं करेंगे पर हायहैल्लो, गुड मौर्निंग आदि समय और मौसम के अनुसार जरूर करेंगे.

सभी देशों के व्यंजन उपलब्ध हैं: अमेरिका में दुनिया के लगभग सभी देशों के लोग बसे हैं, इसलिए यहां लगभग सभी देशों के व्यंजनों का आनंद उठाया जा सकता है.

अच्छी सड़कें: पूरे अमेरिका में सड़कों और फ्लाईओवरों का जाल बिछा है. यही कारण है कि लोग लंबी दूरी तक कार से ही आराम से सफर करते हैं. अत्यधिक दूरी के लिए हवाई सफर करते हैं. रेल यातायात न तो उतना विकसित है और न ही लोग उस से आमतौर पर सफर करना पसंद करते हैं. हाई वे पर थोड़ीथोड़ी दूरी पर पैट्रोल पंप मिलेंगे. इन में अनेक में खानेपीने और फ्री प्रसाधन की भी व्यवस्था है. छोटेबड़े होटल मिलेंगे जहां प्रसाधन का फ्री उपयोग कर सकते हैं.

बच्चों में आत्मनिर्भरता: अमेरिका में बच्चों को छोटी उम्र से ही अपने सभी काम खुद करना सिखाया जाता है. इसीलिए वे अपने निजी कार्य कम उम्र से खुद करने लग जाते हैं.

समय की पाबंदी: यहां कोई भी समय बरबाद नहीं करना चाहता है. ये समय का मूल्य समझते हैं. हर काम अपने निश्चित समय पर होता है.

इंटरनैट का जन्मदाता: इंटरनैट का जन्म भी अमेरिका में ही हुआ था जिस से पूरी दुनिया आजकल हर किसी के हाथ में है और यह पूरी दुनिया को 222 (वर्ल्ड वाइड वेब) के द्वारा जोड़े रखता है. आधुनिक इंटरनैट का जन्म 1990 में टीम ली द्वारा यहीं हुआ था.

उदारता: अमेरिकी सरकार और अमीर लोगों में उदारता भी देखने को मिलती है. जहां सरकार अपने करदाताओं के पैसों से अन्य पिछड़े या गरीब देशों की सहायता करती है, वहीं दूसरी तरफ धनी उद्योगपति और हौलीवुड सितारे भी अन्य देशों के सामाजिक उत्थान के  लिए करोड़ों का अनुदान देते हैं.

उच्च शिक्षा और अनुसंधान के पर्याप्त अवसर: अमेरिका की विश्वस्तर यूनिवर्सिटीज में सारी दुनिया से विद्यार्थी आ कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. कइयों को स्कालरशिप भी मिलती है. यहां मेधावी विद्यार्थियों के लिए अनुसंधान की भी व्यवस्था है.

सर्वांगीण विकास पर जोर: यहां बचपन से ही व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी जाती है. मसलन बच्चे पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भाग लेते हैं. सभी बच्चे शुरू से ही किसी न किसी खेलकूद जैसे चैस, तैराकी, टैनिस, बास्केटबौल, ऐथलैटिक्स आदि में भाग लेते हैं. सरकार भी खेलों पर होने वाले खर्च पर आयकर में छूट देती है.

कमजोर पहलू

आधुनिक शस्त्रों का निर्माता: अमेरिका दुनिया में आधुनिक शस्त्रों का प्रमुख निर्माता है. शस्त्रों के निर्यात में यह विश्व में प्रथम स्थान पर है. ऐसे में हर समय इस बात का भय बना रहता है कि ये हथियार अगर आतंकवादियों और कट्टरपंथियों के हाथ में आ जाएं तो हजारों निर्दोष जान गंवा बैठेंगे.

प्रदूषण फैलाना: यहां के कारखाने और करोड़ों कारें वायुमंडल में प्रदूषण फैलाते हैं. इस मामले में चीन के बाद यह दूसरे नंबर पर है.

मोटापा: यहां काफी लोग मोटापे के शिकार हैं, करीब एकतिहाई लोग. इस की वजह जहां यहां दूध, दही, चीज, पनीर आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, वहीं यहां जंक फूड, पिज्जा, बर्गर आदि का प्रचलन भी बहुत है.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी: अमेरिका में पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की कमी है. लगभग हर किसी के पास अपनी कार होती है. लंबी दूरी की रेल यात्रा या बस यात्रा बहुत कम उपलब्ध है.

दुनिया के बारे में अनभिज्ञता: यहां के ज्यादातर लोग दुनिया के बारे में कम जानते हैं. जैसे कुछ अरसा पहले एक क्विज में लोगों को अमेरिका को दुनिया का सब से बड़ा लोकतंत्र कहते सुना गया था.

गन फ्रीडम: यहां हर कोई आसानी से बंदूक पा सकता है, जिस के चलते हाल ही में शूटिंग के कई मामले देखने को मिले. यहां तक कि स्कूल के बच्चे भी ऐसी वारदातों में शामिल थे.

समलैंगिकता: यहां समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता है. लोग समलैंगिकता को ले कर अपने अधिकारों की बात करते हैं, पर यह अप्राकृतिक तो है ही.

महंगा श्रम: यहां लेबर बहुत महंगी है. इसी कारण सोफे, टैलीविजन, फोन, माइक्रोवैव आदि घरेलू उपकरणों की मरम्मत कराने की जगह उन्हें फेंक कर नया ही लेना बेहतर समझते हैं.

पारिवारिक आत्मीयता की कमी: यहां परिवार में आपसी प्रेम और आत्मीयता की भारत की तुलना में कमी है. बचपन से ही बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के चक्कर में बडे़ होतेहोते उन में प्रेम और पारिवारिक बंधन कमजोर हो जाता है.

आवश्यकता से अधिक टैक्नोलौजी: यहां आधुनिक तकनीक का बहुत ज्यादा प्रयोग होता है. घर में ज्यादातर काम माइक्रोवैव ओवन, डिश वाशर (बरतन धोने और सुखाने की मशीन), वाशर ड्रायर (कपड़े धोने और सुखाने की मशीन) से हो जाता है. बच्चों के हाथ में आधुनिक गैजेट देखे जा सकते हैं. इस पर महान वैज्ञानिक आइंस्टीन की यह बात याद आती है, ‘‘मुझे उस दिन का डर है जिस दिन तकनीक मानव वार्त्तालाप से ऊपर हो जाए. तब यह दुनिया मूर्खों की एक पीढ़ी होगी.’’               

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