बुजुर्गों की बेहतर सेहत के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. खासकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे और डायलिसिस करवा रहे बुजुर्गों की तीमारदारी में अब आशा वर्कर तैनात की जाएंगी. प्रदेश भर में आशा वर्कर इन बीमारियों से जंग लड़ रहे बुजुर्गों की सूची तैयार करेंगी और इनसे संवाद स्थापित कर रोजाना सेहत का हाल जानेंगी. साथ ही दवा और जांच कराने में भी इन बुजुर्गों की मदद करेंगी. मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश जारी किए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को वरिष्ठ नागरिकों की सूची बनाने को कहा गया है. इससे जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद पहुंचाने में आसानी होगी. इस काम में आशा वर्कर अहम रोल अदा करेंगी. अभी तक प्रदेश की 10 लाख 71 हजार से अधिक आशा वर्कर ग्रामीण व शहरी इलाकों में महिलाओं व बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं मुहैया कराने में मदद करती है. अब आशा वर्कर प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों की सेहत का ख्याल भी रखेंगी. आशा वर्कर अपने इलाके के वरिष्ठ नागरिकों की सूची तैयार करेंगी. खासकर कैंसर व डायलिसिस पीडि़त मरीजों पर इनका विशेष ध्यान होगा. इसके बाद आशा वर्कर रोजाना इनसे संवाद स्थापित करेंगी और सेहत का हालचाल पूछेंगी. वरिष्ठ नागरिकों को दवा व जांच कराने में सहयोग करेंगी.
एक कॉल पर मिलेगी एम्बुलेंस व दवा
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग वरिष्ठ नागरिकों की बेहतर सेहत के लिए बनाई गई विशेष हेल्पलाइन नम्बर 14567 को और प्रभावी बनाने जा रहा है. ताकि सेहत से जुड़ी कोई समस्या होने पर बुजुर्गों तक फौरन मदद पहुंचाई जा सके. इसके अलावा हेल्पलाइन नम्बर की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए बड़ा जन जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाएगा, ताकि अधिक लोगों को इस सेवा का लाभ मिल सके. हेल्पलाइन के जरिए विशेष परिस्थितियों में बुजुर्गों को एक कॉल पर एम्बुलेंस और दवा भी पहुंचाने का काम विभाग करेगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 8-10 महीने में इसे लेकर अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा.
अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए योजना बनेगी वरदान
प्रदेश सरकार अकेले रहने वाले बुजुर्गों की बेहतर सेहत के लिए विशेष योजना तैयार कर रही है. इस योजना के तहत ऐसे बुजुर्गों की देखरेख के लिए एक व्यक्ति तैनात किया जाएगा. जो अकेले रह रहे बुजुर्ग को जरूरत पड़ने पर दवा पहुंचाने के साथ जांच के लिए अस्पताल ले जाएगा और उनको घर तक पहुंचाएगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 8-10 महीने में इसे लेकर अपनी कार्ययोजना तैयार करेगा.