चाइना के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस में पूरी दुनिया के लोगों की जिंदगी बदल डाली. बारबार हाथ सैनिटाइज करना, घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनना, हाथ न मिलाना, 2 गज की दूरी रखना, ये सारी बातें अब हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन गई हैं.

इस महामारी ने हमारे काम करने, पढ़ने, शौपिंग करने जैसी कई जरूरी ऐक्टिविटीज का तरीका बदल दिया है. कामकाजी लोगों के लिए वर्क फ्रौम होम और बच्चों के लिए ईलर्निंग सिस्टम अभी कुछ समय तक और चलेगा. वर्किंग वूमन के स्टाइल और फैशन को भी कोरोना ने बहुत हद तक बदल दिया है.

मास्क ने जहां महिलाओं का आधा चेहरा छिपा दिया है वहीं सिर को कवर रखने के कारण हेयर कट और हेयर स्टाइल में भी बहुत बदलाव आया है. लंबे समय तक सैलून आदि बंद रहने के कारण बहुत सी महिलाओं ने अपने बालों को बढ़ा लिया है जिस ने उन्हें नया लुक भी दिया है.

एक वायरस ने महिलाओं पर चुपचाप कैसे असर डाला है, इस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मास्क के चलते दुनियाभर में लिपस्टिक की ब्रिकी में 28% की बड़ी गिरावट आ चुकी है. कोरोना ने मेकअप किट के सब से जरूरी हिस्से लिपस्टिक की चमक घटा दी है.

महिलाएं अब आंखों और बालों के मेकअप पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं. आई मेकअप और बालों को रंगने का दौर चल रहा है. मास्क के उपयोग के कारण जहां लिपस्टिक की बिक्री में कमी आई है वहीं आई मेकअप की सेल बहुत बढ़ गई है.

लिपस्टिक की सेल

एक रिसर्च के मुताबिक लिपस्टिक की सेल जहां 28% घटी है तो वहीं आई मेकअप, हेयर कलर और नेल पेंट की सेल में 200% तक उछाल आया है. कौस्मैटिक्स बनाने वाली कंपनियों के मुताबिक, कोराना के बाद हालात सामान्य होने पर भी लोग मास्क पहनना जारी रखेंगे. देशदुनिया की सरकारों ने फेस मास्क अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में लिपस्टिक का ट्रैंड लगभग खत्म हो रहा है. हो सकता है आने वाले समय में महिलाएं लिपस्टिक लगना बंद ही कर दें.

देशदुनिया में कोरोना के दौर ने वर्क फ्रौम होम के कल्चर को स्थापित कर दिया है. देश में वैक्सीन के बाद कोरोना भले ही काबू में आ जाए, मगर अब कर्मचारियों के लिए यह स्थाई विकल्प बन चुका है. एक अनुमान के अनुसार साल 2021 में भी 25 से 30% लोग घर से ही काम करेंगे. लंबे समय तक वर्क फ्रौम होम भले ही लोगों को उबाऊ लगने लगा है, मगर ज्यादातर कंपनियां इसे स्थाई रूप से खत्म नहीं करना चाहतीं, क्योंकि इस से उन के खर्च में भी कमी आई है और काम भी ज्यादा हुआ है.

‘ग्लोबल वर्कफोर्स ऐनालिटिक्स’ की प्रैसिडैंट केट लिस्टर का कहना है कि 2021 के आखिर तक 25 से 30% लोग सप्ताह में कई दिन घर से काम करेंगे.

‘ग्लोबल वर्कफोर्स ऐनालिटिक्स’ के ही सर्वे के अनुसार कोरोना से पहले ही दुनिया में 80% कर्मचारी कुछ दिनों तक घर से ही काम करना चाहते थे. इस के लिए वे कुछ सैलरी कटवाने के लिए भी तैयार थे. अत: फिलहाल वक्र फ्रौम होम खत्म होने वाला नहीं है. अब कोरोना के बाद यह जिन्न बोतल से बाहर आ चुका है. इस के वापस बोतल में जाना फिलहाल मुश्किल है.

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औनलाइन शौपिंग

सोशल डिस्टैंसिंग और कौंटैक्टलैस डिलिवरी की वजह से औनलाइन शौपिंग अब महिलाओं के लिए पसंदीदा विकल्प है. एक सर्वे के मुताबिक 2019 में केवल 27% लोग ही औनलाइन शौपिंग को प्रथमिकता देते थे, लेकिन 2020 में यह आंकड़ा बढ़ा और महामारी के दौरान इस सैक्टर में 51% की तेजी दर्ज की गई. कौस्मैटिक मार्केट तो अब पूरी तरह औनलाइन शौपिंग पर ही चल रही है.

करोलबाग, दिल्ली की रहने वाली वीरेंदर कौर ‘ब्यूटी ऐंड फैशन’ के क्षेत्र से 10 सालों से जुड़ी हैं. वे एवान कंपनी के ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी बेचती हैं.

कोरोनाकाल में उन्होंने फेसबुक और व्हाट्सऐप के जरीए महिलाओं को ब्यूटी प्रोडक्ट्स औनलाइन बेच कर अपनी दुकान खूब चलाई. वे कहती हैं, ‘‘मेरे व्हाट्सऐप गु्रप में महिलाओं ने ज्यादातर आईशैडो, मसकारा, आईलाइनर, काजल, आर्टिफिशियल पलकें आदि की डिमांड की. इस के अलावा बौडी लोशन और कुछ मौइस्चराइजर भी बिके, लेकिन फेस क्रीम, लिपस्टिक, लिपग्लौस, पाउडर की शौपिंग लोगों ने नाममात्र की ही की. मैं ने महिलाओं को औनलाइन आई मेकअप की क्लासेज भी दीं.

जब मास्क के कारण पूरा चेहरा न दिख रहा हो तो आंखों को कैसे इतना खूबसूरत बनाएं कि देखने वाला सिर्फ आंखों में ही खो जाए, टीनएजर गर्ल्स का ज्यादा जोर बस इसी बात पर रहा.’’

खूबसूरती आंखों में

वीरेंदर कौर कहती हैं, ‘‘अरब देशों में या अन्य मुसलिम देशों में महिलाएं बुरका पहनती हैं तो उन का सारा जोर इस बात पर होता है कि सारी खूबसूरती उन की आंखों में उतर आए. वे आंखों के मेकअप को सब से ज्यादा तवज्जो देती हैं. वे घनी और लंबी पलकें चाहती हैं और इस के लिए नकली पलकें लगाती हैं. ग्लिटर का भी इस्तेमाल आई मेकअप में करती हैं. काजल, आईलाइनर जैसे 5-6 उत्पाद आंखों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए होते हैं. कोरोनाकाल में इन्हीं की बिक्री सब से ज्यादा हुई. कोरोना के कारण अब पूरी दुनिया आंखों में ही खूबसूरती तलाश रही है. स्मोकी आईज, गौर्जियस आईज, नशीली आईज का ट्रैंड चल रहा है.

गौर्जियस लुक के लिए आई मेकअप में मैटेलिक ग्रीन, गोल्ड, पिंक जैसे वाइब्रैंट कलर इस्तेमाल किए जा रहे हैं. पार्टी मेकअप में ये कलर खासतौर पर दिख रहे हैं. कोरोना के चलते फेशियल, मैनीक्योर आदि भी नहीं करवाए जा रहे हैं. आंखों के मेकअप से ही बाकी मेकअप की कमी को पूरा किया जा रहा है.’’

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