क्या आप अपने इर्दगिर्द खूबसूरत लड़कियों को देख कुंठा और ईर्ष्या से भर जाती हैं? क्या दूसरों की खूबसूरती आप के निजी जीवन को प्रभावित करती है? क्या आप ऐसी लड़कियों या महिलाओं से नहीं मिलतीं, जिन्हें आप खुद से ज्यादा खूबसूरत मानती हैं? क्या आप हमेशा अपनी खूबसूरती से नाखुश रहती हैं? क्या आप को लगता है कि जीवन में खूबसूरती महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है? यहां पूछा गया हर सवाल आप की जिंदगी से जुड़ा है. अगर आप को लगता है कि खूबसूरती महज दिखावे के लिए अहम भूमिका निभाती है, तो आप गलत हैं. खूबसूरती हमें भावनात्मक संबल देती है. खूबसूरती हमें ताकत देती है.
जी हां, वैज्ञानिक अनुसंधानकर्ताओं ने यह बात समझने में अंतत: सफलता पा ही ली है कि खूबसूरती आखिर हमें मानसिक और भावनात्मक तनाव से क्योंकर नजात दिलाती है? साथ ही यह भी कि यह सब आखिर कैसे होता है? 11 सितंबर, 2001 को जब अमेरिका इतिहास के सब से भयानक आतंक से रूबरू हुआ और सुरक्षित होने के एहसास को ले कर अमेरिकियों का मनोविज्ञान हिल गया तो उन में एक अजीब प्रवृत्ति का विस्फोट देखने को मिला. यकायक अमेरिकियों में संग्रहालयों और प्रदर्शनियों के प्रति जबरदस्त लगाव उमड़ पड़ा. बड़ी संख्या में अमेरिकी इन्हें देखने जाने लगे. इस के अलावा उन में एक और बात देखने को मिली कि वे खूबसूरत कपड़ों और फर्नीचर के दीवाने हो उठे. सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री आसमान छूने लगी.
वास्तव में ऐसा सिर्फ मुश्किल क्षणों में ही नहीं होता कि हमें हरेभरे बगीचों व लिपस्टिक से सजे होंठों में सुकून महसूस होता है, बल्कि जब हम भावनात्मक या मानसिक तनाव में होते हैं तब भी खूबसूरती हमें राहत देती है. सामाजिक, पर्यावरणीय और विकासवादी मनोविदों ने खूबसूरती के एक नए विज्ञान को खोज निकाला है. इस से यह सुनिश्चित होता है कि हर खूबसूरत वस्तु हमें प्रभावित करती है. फिर चाहे वह प्रकृति का मनोरम दृश्य हो या अस्पताल के कमरों में सजाई गई कलाकृतियां. टैक्सास, अमेरिका के ए ऐंड एम विश्वविद्यालय के द सैंटर फौर हैल्प सिस्टम ऐंड डिजाइन के प्रमुख पर्यावरणीय मनोविद रोजर उलरिच ने अपने एक शोध में पाया है कि जब हम कोई खूबसूरत प्राकृतिक नजारा देखते हैं, तो हमारे दिल और दिमाग दोनों को सुकून महसूस होता है.