अगर आपने कुछ कर गुजरने की ठान ली हो तो समस्या कितनी भी आये आप उससे गुजरकर अपनी मंजिल पा ही लेते है, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, मॉडल, मिसेज ब्यूटी क्वीन सिंगापुर 2015, पेजेंट कोच, बैंकर, अहौरा रेसिंग चैम्पियनशिप फार्मूला 4 कार रेसिंग की टीम में शामिल, मुंबई की अदिति पाटनकर गुप्ता. उनके हिसाब से काम कोई भी हो उसका शौक होने पर व्यक्ति अवश्य कर लेता है.
कार रेसिंग के क्षेत्र में महिलाये बहुत कम है और अदिति इस चैलेंज को स्वीकार कर महिलाओं के सामने एक उदहारण पेश करना चाहती है. इसके अलावा अदिति एक सफल पत्नी और दो बच्चों की माँ भी है. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख अदिति को हमेशा से कुछ अलग और चुनौतीपूर्ण काम करना पसंद है, जिसमे साथ दिया, उनके माता-पिता और पति ने. अदिति इस मुकाम पर कैसे पहुंची, आइये जाने उन्हीँ से.
सवाल-इस क्षेत्र में जाने की प्रेरणा कहाँ से मिली?
मेरे पेरेंट्स ने बचपन से मेरी रूचि को देखा है और उसे ही सहयोग दिया है. इससे मुझे किसी नए क्षेत्र में जाने की इच्छा लगातार बनी रही. शादी के बाद भी पति प्रशांत गुप्ता ने हमेशा साथ दिया और किसी नयी चीज को सीखने के लिए प्रेरित करते रहे. इसलिए मैंने अलग-अलग तरह की वैरायटी को एक्स्प्लोर किया है और आगे बढती गयी.
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सवाल-बचपन से यहाँ तक कैसे पहुंची?
बचपन में पेरेंट्स ने शिक्षा पर अधिक जोर दिया था, जिसे मैंने पूरी की. मैं स्कूल, कॉलेज में भी एथलीट और स्पोर्ट्स में थी. मैंने भरतनाट्यम डांस भी सीखा है. कॉलेज में मॉडलिंग, इवेंट मनेजमेंट का काम, आदि कई काम पढाई के साथ कर रही थी. इसके बाद मैंने साल 2003 में ब्यूटी पेजेंट में जाने का मन बनाया, लेकिन तभी मेरे पिता को थ्रोट कैंसर हो गया. घर का माहौल काफी गमगीन था. जिस दिन मेरा फाइनल था, उसदिन पिता गुजर गए और मैं वहां नहीं जा पाई, लेकिन उस पेजेंट से मैंने बहुत कुछ सीखा था. पिता के गुजरने के बाद परिस्थितियां बदल गयी. मैं बैंक में काम करने लगी. मेरी शादी प्रशांत गुप्ता के साथ हो गयी. इसके बाद सिंगापुर मैं अपने पति के साथ चली गयी. मेरे दो बच्चे हुए, लेकिन मैं इन सब से बहुत अधिक खुश नहीं थी, मुझे कुछ अलग करने की इच्छा थी. इस दौरान मुझे मिसेज इंडिया सिंगापुर में भाग लेने का अवसर मिला और साल 2015 में मैंने उसे जीत लिया. इससे मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती गयी.