रोहित हमेशा सोचसमझ कर पैसे खर्च करता था इसी कारण उस के फ्रैंड्स हमेशा उस का मजाक बनाते कि वह कंजूस है. अपने ऊपर लगे ‘कंजूस’ के टैग से परेशान मोहित ने इस बार अपना बर्थडे डिस्क में मनाने की प्लानिंग की.
दोस्तों में अपनी झूठी शान बनाने के चक्कर में मोहित भूल गया कि वह मम्मीपापा को बिना बताए अपनी ट्यूशन फीस से पार्टी कर रहा है. डिस्क में पार्टी करने पर उसे वाहवाही तो मिली, लेकिन जब उस के पापामम्मी को पता चला तो उसे सिर्फ डांट ही नहीं पड़ी बल्कि पौकेट मनी से भी हाथ धोना पड़ा.
अकसर किशोर झूठी शान बघारने के चक्कर में मातापिता से झूठ बोल कर जिद कर के, उन्हें इमोशनल ब्लैकमेल कर डिस्क में बर्थडे पार्टी करने की मांग करते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि यहां बर्थडे सैलिब्रेट करना जितना मजेदार समझा जाता है वह वास्तव में भी उतना मजेदार हो.
बजट कंट्रोल करना मुश्किल : घर में पार्टी करने पर आप को पता होता है कि कितने फ्रैंड्स आएंगे, खाने में क्याक्या होगा लेकिन जब आप डिस्क में पार्टी करते हैं तब आप को पता नहीं होता कि कौन क्या और कितनी बार और्डर कर रहा है. आप वहां किसी को मना भी नहीं कर सकते कि दोबारा कुछ और्डर मत करो. ऐसे में बजट कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो जाता है.
मस्ती कम शो औफ ज्यादा : डिस्क में पार्टी करने पर फ्रैंड्स का ध्यान मस्ती से ज्यादा इस बात पर रहता है कि वे कैसे दिख रहे हैं, पार्टी में कौन क्या पहन कर आया है, सैल्फी कहां अच्छी आएगी. यही नहीं खुल कर एक ग्रुप में ऐंजौय करने के बजाय छोटेछोटे ग्रुप्स में बंट जाते हैं और खुद में ही मस्त रहते हैं.