सीमंतिनी रॉय (कैंसर सरवाईवर, सिंगर)
अगर आपमें कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो पूरी कायनात भी आपका साथ देती है और आप किसी भी मुश्किल परिस्थिति से गुजर कर अपनी मंजिल पा लेते है, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, त्रिपुरा के अगरतला की कैंसर सरवाईवर, सिंगर, सेलेब्रिटी एंकर, सिविल इंजिनियर, और एक 8 साल के बेटी की माँ सीमंतिनी रॉय, जो अब अपने पति के साथ अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहती है. स्वभाव से विनम्र सीमंतिनी केवल एक गायिका ही नहीं, बल्कि वह पूर्व मिस ईस्ट इंडिया, मिस फोटोजेनिक, मिस त्रिपुरा की ख़िताब भी जीत चुकी है. वह त्रिपुरा आल इंडिया रेडियो की चाइल्ड आर्टिस्ट भी रह चुकी है. उन्होंने 100 से अधिक जगहों पर अपने परफोर्मेंस दिये है और बांग्ला संगीत को फ्यूजन का रूप देकर विश्व में फैलाना चाहती है. उनकी जर्नी के बारें में बात हुई, आइये जाने कैसे उन्होंने अपनी जर्नी तय की.
सवाल-आपने रविन्द्र नाथ टैगोर के प्रसिद्ध गीत को उन्हें ट्रिब्यूट किया, जिसके प्रसंसक पूरे विश्व में है और सभी इसे पसंद कर रहे है, क्या महसूस कर रही है?
टैगोर के गाने मेरे जिंदगी में समाये हुए है. मैंने बचपन से रविन्द्र संगीत सुनती और सीखती रही हूं. त्रिपुरा में मैं आल इन्डिया रेडियो की चाइल्ड आर्टिस्ट थी और बचपन से ही कई परफोर्मेंस मैंने किये है. शास्त्रीय संगीत की मैंने पूरी ट्रेनिंग गुरु समीर दास से ली है. इसके अलावा मैंने रबिन्द्र संगीत की भी फॉर्मल ट्रेनिंग लिया है.
सवाल-जब आपको पहली बार कैंसर का पता चला, तो उससे कैसे निकल पायी, किसका सहयोग सबसे अधिक था?
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