अगर आप क्रिएटिविटी और फैशन को ले कर पैशनिस्ट हैं तो ग्लैमर वर्ल्ड में अपना कैरियर तलाश सकते हैं. इस में थोड़ा रिस्क तो है, लेकिन अगर कामयाब हो गए तो पौपुलैरिटी के साथसाथ पैसा भी खूब है. आज फैशन की दुनिया का दायरा काफी बढ़ गया है. रैंप शो, फैशन शो, ब्रैंड प्रमोशन इवैंट सभी बड़े और मेगा बजट के होने लगे हैं. इन के बढ़ने से आज की जैनरेशन ग्लैमर को बतौर कैरियर अपनाने के लिए उत्सुक है.
युवाओं के लिए यह फील्ड काफी आकर्षक है, क्योंकि इस में क्रिएटिविटी और इमैजिनेशन में ग्लैमर का तड़का लगाने की जरूरत होती है. यंग जैनरेशन हर बार कुछ नया करना चाहती है, इस फील्ड में इस की सब से ज्यादा जरूरत भी है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही ग्लैमरस कैरियर औप्शंस के बारे में :
फैशन कोरियोग्राफी
आमतौर पर यों तो फैशन कोरियोग्राफी को ही फैशन डिजाइनिंग समझा जाता है, जबकि ऐसा नहीं है. कोरियोग्राफर पर ही पूरे शो की जिम्मेदारी होती है. किस मौडल को क्या पहनना है, रैंप पर कब किस मौडल को कैसे कैटवाक करनी है, साथ ही शो स्टौपर के साथ मौडल्स की पोजिशंस को भी कोरियोग्राफर ही मैनेज करता है.
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डिमांड : आएदिन फैशन शोज और प्रमोशन इवैंट होते रहते हैं. ऐसे में यह इवैंट फैशन इंडस्ट्री में हो रहे अपडेट्स को जानने का भी एक बेहतरीन सोर्स है. साथ ही फैशन कोरियोग्राफर्स की डिमांड भी लगातार बढ़ रही हैं. इतना ही नहीं, कालेज इवैंट्स के अलावा कौर्पाेरेट इवैंट्स में भी फैशन शोज काफी पौपुलर हो रहे हैं.
स्टडी से ज्यादा लाइव ऐक्सपीरियंस: इस फील्ड की खास बात यह है कि इस में थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर जोर दिया जाता है. अगर आप में क्रिएटिविटी है तो किसी फैशन कोरियोग्राफर के साथ काम सीख सकते हैं. शुरुआत में कम सैलरी मिलती है. लेकिन जैसेजैसे आप के शोज हिट होते जाते हैं, वैसेवैसे आप की इनकम बढ़ती जाती है. आप चाहें तो आगे चल कर एक ब्रैंड के रूप में भी काम कर सकते हैं. यह आप को अपनी एक अलग पहचान देगा.
नौलेज जरूरी : फैशन कोरियोग्राफर में म्यूजिक के सेलैक्शन और कलैक्शन की समझ के साथसाथ शो के लिए लुक और थीम तैयार करने की भी समझ होनी चाहिए. कोरियोग्राफर को एक ही समय पर कई सारे काम करने पड़ते हैं, जैसे मौडल और डिजाइनर से ड्रैस की फिटिंग चैक कराना, शो को डायरैक्ट करना, डीजे म्यूजिक और लाइट इंजीनियर के साथ कोओर्डिनेट करना.
मौडलिंग
अट्रैक्टिव लुक और बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स इस क्षेत्र में सफलता का मूलमंत्र है. बीटाउन में ऐंट्री करने वाले कई ऐक्टरऐक्ट्रैस मौडलिंग से ही ऐक्टिंग में आए हैं. ऐश्वर्या राय से ले कर जौन अब्राहम तक सभी पहले मौडलिंग करते थे. यदि आप का चेहरा फोटोजैनिक है और फैशन, ग्लैमर आप को शुरू से ही अट्रैक्ट करता रहा हो तो मौडलिंग आप के लिए बढि़या कैरियर औप्शन होगा.
टैलीविजन मौडलिंग : इस में आप को मूवी कैमरों के सामने मौडलिंग करनी पड़ती है, जिस का इस्तेमाल टीवी विज्ञापनों, सिनेमा, वीडियो और इंटरनैट में किया जाता है. आजकल डिजिटल मीडियम में भी इस के अवसर बढ़े हैं.
प्रिंट मौडलिंग : इस में स्टिल फोटोग्राफर्स मौडल्स की तसवीरें लेते हैं, जिन का इस्तेमाल अखबार, ब्रोशर्स, पत्रिकाओं, कैटलौग, कैलेंडरों आदि में किया जाता है.
शोरूम मौडलिंग : शोरूम मौडल्स आमतौर पर निर्यातकों, गारमैंट निर्माताओं और बडे़ रिटेलरों के लिए काम करते हुए फैशन को प्रदर्शित करते हैं.
रैंप मौडलिंग : इस में मौडल्स को रैंप पर वाक करते हुए किसी नामी फैशन डिजाइनर के कपड़ों की झलक दिखानी होती है. रैंप मौडल की खड़े होने की अदा, चलने की शैली और बौडी लैंग्वेज का बेहतर होना जरूरी है.
क्या है जरूरी : मौडलिंग के क्षेत्र में आने के लिए यों तो किसी खास तरह की योग्यता का होना जरूरी नहीं है, हां, लड़कियों के लिए इस फील्ड में लंबाई 5 फुट 7 इंच और लड़कों के लिए 5 फुट 10 इंच होनी जरूरी है. इसी के साथ ही अगर आप ने किसी मौडलिंग इंस्टिट्यूट से ट्रेनिंग ले रखी है तो सोने पर सुहागा. 12वीं के बाद आप सीधे इस क्षेत्र में दाखिला ले सकते हैं.
कहां से करें : जे डी इंस्टिट्यूट औफ फैशन डिजाइन मुंबई, नैशनल इंस्टिट्यूट औफ फैशन डिजाइन चंडीगढ़, आर के फिल्म्स ऐंड मीडिया एकेडमी, नई दिल्ली.
फैशन डिजाइनिंग
आज डिजाइनर कपड़ों की बढ़ती मांग के चलते फैशन इंडस्ट्री में तेजी से उछाल आया है. इंडियन फैशन इंडस्ट्री ग्लोबल रूप ले चुकी है. हर महीने करोड़ों का कारोबार होता है. यहां तक कि भारत में तैयार होने वाले कपड़ों की मांग विदेशों में भी खूब है.
ऐसे में फैशन डिजाइनिंग में कैरियर की काफी अच्छी संभावनाएं हैं. ऐक्सपोर्ट हाउस, फैशन डिजाइनर, गारमैंट चेन स्टोर, टैक्सटाइल मिल, लाइफस्टाइल मैग्जीन के साथ आप फैशन मर्चेंडाइजर के रूप में फैशन डिजाइनर के साथ काम कर सकते हैं या ऐक्सपोर्ट हाउस के साथ जुड़ सकते हैं. अगर आप कुछ हट कर करना चाहते हैं तो शू डिजाइनिंग या फिर ज्वैलरी डिजाइनिंग से ले कर ऐक्सैसरी डिजाइनिंग जैसे कैरियर भी चुन सकते हैं. फैशन और ग्लैमर का तालमेल तो हमेशा ही रहा है, यही कारण है कि यह क्षेत्र यूथ को बेहद आकर्षित करता है.
कोर्स : यह प्रोफैशनल कोर्स 12वीं के बाद किया जा सकता है. इस के तहत अपेरल डिजाइनिंग, फैशन डिजाइनिंग, प्रोडक्शन मैनेजमैंट, क्लौथिंग टैक्नोलौजी, टैक्सटाइल साइंस, अपेरल कंस्ट्रक्शन मैथड, फैब्रिक ड्राइंग और प्रिंटिंग, कलर मिक्सिंग तथा कंप्यूटर एडेड डिजाइन आदि क्षेत्रों में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं. इस में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा, फाउंडेशन डिगरी, डिगरी और पीजी डिगरी तक कोर्स उपलब्ध हैं. निफ्ट जैसे संस्थान में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा, ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के दौर से गुजरना पड़ता है.
कहां से करें : नैशनल इंस्टिट्यूट औफ फैशन टैक्नोलौजी दिल्ली, एमिटी स्कूल औफ फैशन टैक्नोलौजी नोएडा, नैशनल इंस्टिट्यूट औफ फैशन टैक्नोलौजी मुंबई, सिंबायोसिस इंस्टिट्यूट औफ डिजाइन पुणे.
क्या कहना है मौडलिंग से ऐक्टिंग में आए सितारों का
वानी सूद : श्रीदेवी के साथ फिल्म ‘मौम’ और कई टीवी शोज में आने वाली दिल्ली गर्ल वानी सूद कहती हैं, ‘‘ मैं अपने कालेज के फैशन वीक में हिस्सा लेती थी. जब लोगों ने एप्रिशिएट किया तब कई ब्रैंड्स और फैशन शोज में मौडलिंग की. मैं मुंबई मौडलिंग के लिए ही आई थी लेकिन साथ में ऐक्टिंग प्रोजैक्ट्स के लिए औडिशन देती रही, चांस मिला तो ऐक्टिंग में आ गई.’’
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अर्जित तनेजा : अर्जित ने भी अपनी शुरुआत मौडलिंग से की थी. वे कहते हैं, ‘‘मैं ने कभी ऐक्टिंग में कैरियर बनाने की नहीं सोची थी. शौकिया मौडलिंग करता था. एक बार किसी फैशन शो के लिए मुंबई जाना पड़ा तो मेरा पोर्टफोलियो वहां शेयर हुआ और मुझे एक टीवी शो के औडिशन के लिए बुला लिया गया.’’
क्रिएटिव सोच वाले ही सक्सैसफुल हैं
दिल्ली एनसीआर में कई बड़े फैशन शोज की कोरियोग्राफी कर चुके पुष्कर कहते हैं, ‘‘फैशन कोरियोग्राफी का क्षेत्र बहुत बड़ा है, इस में हार्डवर्क और कई चैनलों में एकसाथ काम और कोऔर्डिनेशन करना पड़ता है. मेरी टीम कई बार 12 घंटे से भी ज्यादा काम करती है. यह फैशन क्रिएटिव सोच रखने वाले के लिए बिलकुल सही जगह है.’’