कृति भारती ( समाज सेविका, सारथी ट्रस्ट)

राजस्थान सरकार नेपिछले दिनों चाइल्ड मैरिज के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बताया. जिसमें बाल विवाह होने पर एक महीने के अंदर इसे पंजीकरण करना पड़ेगा. इसे विधान सभा में विरोध होने के साथ-साथ कानून की भी चुनौती मिली है. नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स का कहना है कि 18 साल से कम उम्र में विवाह को मान्यता देने को वे कानूनन विरोध करेंगे और रिव्यु की सिफारिश करेंगे. सारथी ट्रस्ट की कृति भारती, भारत की पहली विवाह विच्छेद करवाने वाली सोशल वर्कर है और उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. उन्होंने आजतक करीब 43 लड़कियों की विवाह विच्छेद करवाया है और1500 चाइल्ड मैरिज को रुकवाया है, लेकिन सरकार द्वारा बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बना देने को एक गलत निर्णय मानतीहै.

मिलेगा बढ़ावा बाल विवाह

कृति आगे कहती है कि राजस्थान चाइल्ड मैरिज के लिए बदनाम है और अनल्मेंट भी यहाँ सभी राज्यों से अधिक हुआ है. अनल्मेंट से पहले वकील,एक्टिविस्ट, सामाजिक कार्यकर्त्ता, विक्टिम आदि जो लोग इस काम में प्रभावित होते है, उन्हें पूछकर उनकी चुनौतियों को जानकर इसे लागू करना चाहिए. देखा जाय तो ये भारत में तालिबान शासन की तरह दिया गया निर्देश है. राजस्थान सरकार का बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन को मान्यता देना सामाजिक सुधार नहीं, राजनीतिक लालच है,क्योंकि बाल विवाह एक संगीन अपराध की श्रेणी में आता है और संज्ञेय अपराध को रजिस्ट्रेशन की अनुमति नहीं दिया जासकता. ये किसी व्यक्ति के अपराध करने पर उसे मान्यता देने जैसा है, जिसमे अपराधी सजा नहीं, बल्कि पुरस्कृत करने योग्य है. अनल्मेंट अर्थात चाइल्ड मैरिज कैंसलेशन यानि चाइल्ड मैरिज को कानूनन कैंसल करवाना.

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