आजकल कोरोना वायरस के डर के कारण औरतें भी बहुत सी किट्टी पार्टियां जूम प्लेटफौर्म पर करती है जिस में मोबाइल की छोटी सी स्क्रीन पर बोलने वाले और खुद की तस्वीर दिखती है. कंप्यूटर हो तो सब के चेहरे दिख जाते हैं पर बस उस तरह जैसे वह दिखाना चाहती है.

अगर कहीं घर दिख जाए तो पता चलने लगा कि घर की साजसज्जा कैसी है, कितना खर्च किया है और क्या स्तर है? रेस्ट्रांओं में मिलने वालियों को दिक्कत होने लगी है कि कम जान पहचान वाली भी अब एक तरह से बिन बुलाए मेहमान की तरह घरों में घुसने लगी है.

अगर काम के सिलसिले में जूम मीटिंग हो तो एक डेढ़ घंटे सीट पर बैठेबैठे पैर सुन्न हो जाते हैं और आंखें कैमरे में देखतेदेखते थक जाती हैं. अगर वीडियो औफ कर दो तो आवाज आ जाती है भई कल्पना जरा वीडियो तो औन करो, हम देखे तो इतने दिनों में कितना वेट घटाया है,’ जूम.

ये भी पढ़ें- महिला नेताएं महिलाओं के मुद्दे क्यों नहीं उठातीं

अब खासा क्लोजअप भी दिखाने लगा है और कंप्यूटर हो तो स्क्रीन में बड़ी सी तस्वीर बोलने वाली भी आ जाती है. अपने से तुलना बराबर रख कर ही ली जाती है और दिमाग भटकने लगता है कि हम में से सुंदर कौन है. धाॢमक कार्यक्रम करते तो पीछे ही पड़ जाते हैं क्योंकि उन्हें तो अंत में चंदा जमा करना है. सब के सामने, सब की सुनाई में पूछ लेते हैं कि शालिनी कापडिय़ा जी आप क्या दे रही हैं? शालिनी का मन चाहे कुछ भी न देने का हो उन्हें जबरन दूसरों से ज्यादा या कम से कम बराबर का तो देना ही पड़ता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...