Couple Cooking : भारत में माना जाता है कि किचन पत्नियों का क्षेत्र है और कुकिंग का काम करना सिर्फ उन की जिम्मेदारी है. लेकिन भारत के पुडुचेरी का एक गांव इस बात को पिछले कई वर्षों से गलत साबित करता आ रहा है. इस गांव में 500 सालों से किचन की जिम्मेदारी पुरुषों के कंधों पर है. गांव के हर घर में एक पुरुष बावर्ची है और पिछली 5 सदियों से यही परंपरा चली आ रही है.

पुडुचेरी से 30 किलोमीटर दूर है कलायुर गांव और इस गांव को ‘विलेज औफ कुक्स’ के नाम से भी जाना जाता है. इस गांव में करीब 80 घर हैं और हर घर में पुरुष बावर्ची का होना यहां की परंपरा का हिस्सा है. यह परंपरा भी कोई आज की नहीं है बल्कि 500 सालों से चली आ रही है. एक अनुमान के मुताबिक गांव में 200 पुरुष कुक हैं. गांव में पुरुषों को बेहतरीन कुक बनने के लिए 10 सालों की लंबी ट्रेनिंग लेनी जरूरी होती है. यहां के कुक करीब 1000 लोगों को एकसाथ खाना खिला सकते हैं.

आज के समय में जब महिलाएं बाहर के काम संभाल रही हैं और अच्छीखासी कमाई भी कर रही हैं तो पारंपरिक कार्य विभाजन में बदलाव जरूरी है. सामान्य जिंदगी में देखा जाता है कि बहुत सी महिलाएं हर दिन औफिस से आ कर खाना बनातेबनाते थक जाती हैं और अपने पति का साथ चाहती हैं. मगर पति कोई हैल्प करने में विश्वास नहीं रखते. उन्हें तो बस अच्छीअच्छी चीजें खाने को चाहिए. रोज नई फरमाइश के साथ वे किचन में आते हैं और और्डर कर के चलते बनते हैं. बहुत सी शादीशुदा महिलाएं ऐसे हालात का सामना कर रही हैं.

दिल्ली के लक्ष्मी नगर में रहने वाली 32 साल की अनुभा कहती हैं, ‘‘हमारी शादी को 8 साल हो गए हैं. शुरू से ही मैं ने खाना पकाने की जिम्मेदारी स्वाभाविक रूप से ले ली. पहले मुझे कोई आपत्ति नहीं थी. यह मेरे प्यार को दिखाने का एक तरीका था और मुझे वास्तव में नए व्यंजनों को बनाने और उन्हें पति को खिलाने में मजा आता था. मुझे लगता था कि भले ही मुझे थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है मगर इस तरह मेरा परिवार स्वस्थ, घर का बना भोजन खा रहा है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मुझे अपना यह रूटीन प्रेम कम और बोझ ज्यादा लगने लगा है. पति को हमेशा अपेक्षा रहती है कि मैं कुछ नया और लजीज आइटम बना कर खिलाऊंगी. जबकि हर शाम पूरा दिन काम के बाद मैं खुद को रसोई में थकी हुई और इरिटेट पाती हूं.

‘‘मैं ने इस बारे में अपने पति से बात करने की कोशिश की लेकिन वे हमेशा कहते हैं कि वे बहुत व्यस्त हैं या खाना बनाना नहीं जानते. अब मैं पति के ऐसे व्यवहार से निराश रहने लगी हूं. औफिस से घर लौटते समय मेरे कदम बहुत धीरेधीरे उठते हैं. मैं पति से नाराज नहीं होना चाहती लेकिन बिना झगड़ा किए उन्हें सही रास्ते पर कैसे लाऊं यह समझ नहीं आता.’’

यह दुविधा ऐसी है जो कई महिलाओं की जिंदगी का सच है. वे प्यारप्यार में किचन से बंध जाती हैं. खाना बनाना प्यार और देखभाल का प्रतीक हो सकता है लेकिन जब यह तनाव और नाराजगी का स्रोत बन जाए तो रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप पति को कपल कुकिंग के लिए प्रेरित करें. जाहिर है पति इस के लिए आसानी से तैयार नहीं होंगे क्योंकि पितृसत्तात्मक समाज में पुरुषों का अपने घर की किचन में काम करना उन की मर्दानगी को चुनौती देता प्रतीत होता है.

वैसे भी पुरुषों को किचन के कामों को करने की अधिक जानकारी नहीं होती क्योंकि बचपन से तो मां ने बैड पर ला कर खाना दिया होता है. यदि आप स्वयं को ऐसी ही स्थिति में पाती हैं तो यहां कपल कुकिंग के लिए कुछ व्यावहारिक कदम दिए गए हैं जिन्हें अपना कर आप एक समाधान ढूंढ़ सकती हैं.

पहले से करें प्लानिंग ऐंड प्रिपरेशन

अगले दिन क्या बनाना है इस की प्लानिंग और प्रिपरेशन दोनों मिल कर एक दिन पहले कर लें. यही नहीं आप छुट्टी वाले दिन पूरे सप्ताह की तैयारी कर सकती हैं. यह कदम आप की प्रौब्लम को दूर करने में गेमचेंजर हो सकता है. हर सप्ताह किसी एक दिन जैसे रविवार को एकसाथ बैठें और आगामी सप्ताह के लिए भोजन संबंधी तैयारी पर चर्चा करें. पूरे सप्ताह आप क्याक्या खाएंगे यह न्यूट्रिशनल बैलेंस और अपनी पसंदगी के आधार पर तय करें. एक बार जब आप डिशेज की प्लानिंग कर लें तो साथ मिल कर शौपिंग के लिए एक लिस्ट बनाएं. फिर मिल कर शौपिंग करने जाएं. इस से आप को पति का सहयोग मिलेगा और पति को भी शौपिंग एक बर्डन नहीं लगेगी. यही नहीं जब पति हर स्टेज पर कुकिंग वर्क से जुड़ेंगे तो उन का इंटरैस्ट बढ़ेगा.

सामान घर लाने के बाद तैयारी शुरू करें. सब्जियां काटना, मांस को मैरीनेट करना या चीजें रोस्ट करना, ग्रेवी बनाना जैसे मुख्य भोजन के बड़े हिस्से को निबटाने का कार्य कर लें. इन कार्यों को प्राथमिकता या सुविधा के आधार पर विभाजित करें. उदाहरण के लिए यदि एक साथी को सब्जियां काटना पसंद है जबकि दूसरा सूजी, ओट्स भूनना, ग्रेवी बनाना आदि पसंद करता है तो उसी अनुरूप कार्यभार को विभाजित करें. पहले से तैयारी करने से रोज के बिजी शैड्यूल में समय की बचत होती है और रोज घर में भोजन तैयार करना आसान हो जाता है.

साथ ही उपयोग के लिए तैयार सामग्री रखने से पति को काम करने में झंझट महसूस नहीं होगा और स्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा मिलेगा. इस से बाहर के कम पौष्टिक खाद्यपदार्थों को मंगाने का प्रलोभन भी कम हो जाता है.

ईजी और क्विक रैसिपीज

कुछ खास तरह के खाने की आइटम्स बनाने में बहुत वक्त लगता है जबकि ऐसी रैसिपीज भी आसानी से अवेलबल हैं जिन्हें बनाना बहुत सिंपल होता है. आप पति को ऐसी डिशेज बनाना सिखाएं जिन में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती और जिन के लिए न्यूनतम प्रयास की आवश्यकता होती है लेकिन फिर भी स्वादिष्ठ परिणाम मिलते हैं. एकसाथ बैठें और उन व्यंजनों की एक लिस्ट तैयार करें जो इस मानदंड पर फिट बैठते हैं. स्टरफ्राइज, सलाद, अंकुरित अनाज रैसिपी, ओट्स से बनी डिशेज, रैडी टू ईट आइटम्स, वनपौट वंडर्स जैसे व्यंजनों का रुख करें.

पोषक तत्त्वों के अच्छे बैलेंस वाले इन व्यंजनों में अकसर न्यूनतम तैयारी और न्यूनतम खाना पकाने का समय लगता है.

एकसाथ खाना बनाना

खाना पकाने को एक सा?ा गतिविधि में बदलने से न केवल काम का बो?ा हलका हो सकता है बल्कि एक जोड़े के रूप में आप का बंधन भी मजबूत हो सकता है. कुछ ऐसी डिशेज  चुनें जो टीम वर्क के लिए अनुकूल हों जैसेकि घर का बना पिज्जा या इडलीडोसा आदि. रसोई में एकसाथ काम करने से सहयोग को बढ़ावा मिलता है और प्यार भी बढ़ता है. साथ में खाना पकाने से हंसीमजाक करने, अनुभव सुनाने और सुनने से यादें बनाने के अवसर भी मिलते हैं जिस से भोजन के साथ आप के रिश्ते को खूबसूरत यादें भी मिलती हैं.

किचन गैजेट्स का यूज

आप के हस्बैंड भी आसानी से खाना बना सकें इस के लिए भोजन की तैयारी को आसान बनाने और खाना पकाने की थकान को कम करने व समय बचाने वाले किचन गैजेट्स में इनवैस्ट करें. स्लो कुकर, इंस्टैंट पौट, एअर फ्रायर, इंडक्शन, अच्छी क्वालिटी वाले ब्लैंडर, कौफी मेकर, चौपर, फूड प्रोसैसर, स्प्राउट मेकर, रोटी मेकर, डिश वाशर जैसे गैजेट्स लें.

खाना बनाना एक आवश्यक लाइफ स्किल है जो हर व्यक्ति के पास होनी चाहिए. हालांकि इस काम को हमारे घरों में अकसर महिलाओं के लिए आरक्षित कार्य के रूप में देखा जाता है. सवाल उठता है कि पुरुष खाना पकाने के आनंद और लाभों से वंचित क्यों रहें? पुरुषों को खाना बनाना सीखना चाहिए और इस के लिए बहुत से वाजिब कारण आप के आगे आ जाएंगे.

बनाए केयरिंग हस्बैंड

अगर आप खाना भी बना लेते हैं तो आप एक कंप्लीट जैंटलमैन और केयरिंग हस्बैंड कहलाएंगे. यदि आप खाना बनाने में अपनी पत्नी या अपने प्रियजनों का हाथ बंटाते हैं तो इस से यह पता लगता है कि आप उन की परवाह करते हैं. इस के अलावा कुकिंग परिवार और दोस्तों के साथ रिश्ता मजबूत करने का एक शानदार तरीका है.

घर में खाना बनाने के कई फायदे हैं. कई दफा पत्नी मायके गई होती है तो पति बाहर के खाने पर निर्भर हो जाते हैं. पर याद रखिए अपने हाथ का खाना बाहर खाने के मुकाबले एक हैल्दी औप्शन है. इनग्रीडिऐंट्स पर आप का पूरा कंट्रोल रहता है और आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप जो खाना खा रहे हैं वह पौष्टिक और स्वस्थ है. दूसरा यह बाहर के खाने की तुलना में अच्छा और सस्ता पड़ता है. घर पर खाने से आप काफी पैसा बचा सकते हैं.

क्रिएटिविटी दिखाने का मौका

खाना बनाना पुरुषों के लिए अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का एक शानदार तरीका है. रसोई एक ऐसी जगह है जहां आप विभिन्न स्वादों और सामग्री के साथ प्रयोग कर सकते हैं और अपने मनपसंद अनोखे व्यंजन बना कर पत्नी और घर वालों का दिल जीत सकते हैं. सब को अपनी कुकिंग स्किल्स से इंप्रैस कर ढेर सारा प्यार बटोर सकते हैं.

लाए कंफर्ट जोन से बाहर

कुकिंग खुद को चुनौती देने और अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने का एक शानदार तरीका है. वर्षों से चली आ रही स्टीरियोटाइप कि महिलाएं ही किचन का काम करेंगी और मर्दों को यह शोभा नहीं देता इस सोच को बदल कर समाज में और अपने रिश्तेदारों के आगे एक उदाहरण पेश कर सकते हैं.

कपल कुकिंग के फायदे

यह बात सदियों से बोली जा रही है कि पुरुष के दिल का रास्ता उस के पेट से हो कर जाता है, लेकिन आज भी यह बात लगभग सच है. फर्क बस इतना है कि पेट के रास्ते से सिर्फ पुरुषों के दिल तक नहीं स्त्रियों के दिल तक भी पहुंच सकते हैं. जब पति औफिस से थक कर लौटी वाइफ के लिए चाय बना कर इंतजार करता है तो यह उस का प्यार होता है. किचन में साथ कुछ बनाना भी कपल्स के रिश्ते के लिए लगभग वैसा ही है जैसा एकदूसरे के लिए किचन में कुछ बनाना.

मिलता है क्वालिटी टाइम

आज के समय में कपल्स के ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियों का बो?ा होता है. ऐसे में वे खुद के लिए ही समय नहीं निकाल पाते तो अपने पार्टनर को समय किस तरह दें. समय के अभाव में वे अपने प्यार को न तो जता पाते हैं और न ही उन के रिश्ते में बौंड मजबूत हो पाता है. वे सिर्फ और सिर्फ अपनी जिम्मेदारियों को ही निभाते हैं. लेकिन जब आप दोनों साथ में किचन में होते हैं तो इस से आप दोनों को एकदूसरे के लिए कुछ वक्त मिलता है.

आप अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के साथसाथ अपने पार्टनर को भी समय दे पाते हैं. इस तरह क्वालिटी टाइम बिताने का यह अच्छा आइडिया है. अपने रूटीन को ब्रेक करने के लिए जरूरी नहीं है कि आप किसी महंगे रेस्तरां जाएं या फिर आउटिंग करें. अपने घर की किचन में मस्ती करते हुए भी आप क्वालिटी टाइम बिताते हुए अपने प्यार को बढ़ा सकते हैं.

बढ़ता है सैल्फलैस प्यार

किचन में अपने साथी के लिए कुछ बनाना हमेशा ही दूसरे पार्टनर को आकर्षित करता है. साथी की पसंद का कुछ बनाना या उसे भूख लगी होगी तो कुछ बना कर इंतजार करना ये दिखाता है कि आप दोनों एकदूसरे को अपने से ज्यादा प्यार और केयर दे रहे हैं. ऐसे मौके हमेशा ही कपल के बीच प्यार बढ़ाता है.

किसी को जानने के लिए कुकिंग एक बेहतर औप्शन है और इस तरह आप को एकदूसरे को जानने का मौका मिलेगा. खाने के अलावा उन की पसंदीदा चीजों के बारे में जान सकेंगे और इस तरह आप दोनों एकदूसरे के करीब आएंगे. साथ में कुकिंग करने से आप के पास मौका होता है जहां आप दोनों खुल कर बात करते हैं.

किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए पहला स्टेप है बातचीत. खाना बनाने के दौरान आप अपने पार्टनर से किसी भी एक टौपिक पर बात करें और उन्हें अपने मन के एहसासों और अपनी सोच से वाकिफ कराएं. ध्यान रहे कि खाना बनाते वक्त हमेशा हैल्दी और पौजिटिव बातें करें जिस से सामने वाले को खाना बनाने में दिलचस्पी बनी रहे.

रोमांस का चांस

आप ने कई बार फिल्मों में देखा होगा कि किस तरह औन स्क्रीन कपल किचन में मस्ती करते हैं और कोजी होते है. उन्हें स्क्रीन पर देख कर आप को भी कहीं न कहीं लगता होगा कि काश आप का रिश्ता भी ऐसा हो. तो अब आप भी किचन में अपने पार्टनर के साथ थोड़ी मस्ती करते हुए खाना बनाएं. इस से आप को अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक होने का मौका मिलेगा और खाना भी कब बन जाएगा इस का आप को पता भी नहीं चलेगा.

इन बातों का रखें खयाल

खाने में जायका हो तो दिल खाना बनाने वाले का मुरीद हो जाता है. यानी अच्छा खिलाइए और सामने वाले को अपना मुरीद बनाइए. मगर हमेशा स्त्री ही पुरुष को मुरीद क्यों बनाए? कभीकभी यह मौका पुरुष को भी मिलना चाहिए. वह भी अपने हाथों से लजीज खाना बना कर बेगम को खिला सकता है. पुरुषों के किचन में घुसने पर खाना तो लजीज बन जाता है पर बहुत सी चीजें ऐसी हो जाती हैं जो न हों तो बैटर हाफ के चेहरे पर मुसकान बनी रहेगी.

अकसर यह देखने में आता है कि किचन में घुस कर अपनी पाक कला से दिल के दरवाजे खोलने वाले पुरुष पूरी किचन फैला देते हैं. मसालेदानी में हलदी के चम्मच में नमक डाल दिया जाता है तो जीरा और राई एक ही डब्बे में कौकटेल हो जाते हैं. चाकू की जगह बदल जाती है तो चकला और बेलन 2 अलग दिशाओं में बैठे एकदूसरे को ताकते नजर आते हैं. कहने का मतलब यह कि पुरुषों को भी सिस्टेमैटिक हो कर काम करना सीखना होगा. जो चीज जहां से लें वहीं रखें तरीके से और सलीके से.

अकसर जब पुरुष किचन में होते हैं और सब्जियां काट रहे होते हैं तो किचन की हालत देखने लायक होती है. उत्तरी कोने पर प्याज के छिलके होते हैं तो दक्षिणी कोने में तेल बिखरा होता है और धनियापत्ती के टुकड़े बेसिन में हड़ताल पर बैठे मिलते हैं. ऐसे हालात से बचिए. इस के लिए या तो महिलाएं उन्हें ट्रेनिंग दें या फिर पुरुष खुद साफसफाई का खयाल रखना सीखें क्योंकि किचन की ऐसी हालत हुई तो घर में महाभारत होना तय है. याद रखें औरतें अपनी किचन की ऐसी हालत नहीं देख सकतीं और न ही ऐसे माहौल में साथ काम कर पाती हैं.

जरूरत से ज्यादा न बनाएं

अकसर पुरुषों को भरभर कर बनाने की आदत होती है. मैगी से ले कर बिरयानी तक जो बनाएंगे थोक के हिसाब से. पत्नी के लाख इनकार के बाद भी 4 के परिवार में इतना भोजन बनेगा कि 8 खा जाएं. तर्क यह कि सुबह भी तो खाएंगे. जरूरी हो जाता है कि पत्नियां खाना बनाते समय पति पर नजर रखें.

संभल के कुक करना सीखें

पति किचन में जौहर दिखाते समय अपना हाथ बचा कर रखें. कभी गरम तवे पर हाथ रख कर हाथ जला लेंगे तो कभी चाकू चलाते समय मुंह से चीख निकल जाती है. ऐसे में पत्नी टैंशन की वजह से फिर खुद ही काम करने लगती है.

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