जंग महिला उत्पीड़न के खिलाफ :ट्रूकौलर के साथ  समाज में महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा व्यापक रूप में मौजूद है और इस के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं इस के साझेदारों के नए आंकड़ों में यह तथ्य साफ हैं. हर 3 में से 1 महिला, यानि 736 मिलियन

महिलाएं जीवन में कभी न कभी अपने साथी के द्वारा शारीरिक या यौन शोषण अथवा गैर साथी के द्वारा यौन शोषण का शिकार होती हैं- ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं, जिन में पिछले दशक के दौरान कोई बदलाव नहीं आया है.

हालांकि महिलाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा की बात करें तो हमने इस दिशा में कुछ प्रगति की है, किंतु अभी बहुत काम करना बाकी है. विडम्बना यह है कि आदिकाल से ही इन सभी मुद्दों को समझने के बावजूद महिलाएं सदियों से पितृसत्ता का शिकार हो रही हैं.

यह शोषण आज डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी हो रहा है और बड़े पैमाने पर व्याप्त हो चुका है. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के साथ होने वाले इस शोषण को समझने के लिए ट्रुकॉलर ने कई सर्वेक्षण किए हैं. हमारे सर्वेक्षण में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं: विभिन्न देशों की लाखों महिलाओं को रोज़ाना अनचाहे कॉल्स और मैसेज मिलते हैं. पांच में से चार देशों में (भारत, केन्या, इजिप्ट, ब्राज़ील) हर 9-10 में से 8 महिलाओं को शोषण करने वाले कॉल किए जाते हैं. भारत में, सर्वेक्षण की जाने वाली हर 5 में 1 महिला ने बताया कि उन्हें यौन शोषण करने वाले फोनकॉल या एसएमएस मिलते हैं.

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि 78 फीसदी महिलाओं को सप्ताह में कम से कम एक बार तथा 9 फीसदी महिलाओं को सप्ताह में 3-4 बार इस तरह के कॉल आते हैं. भारत पहला ऐसा देश है जहां ट्रुकॉलर ने इस तरह का सर्वेक्षण किया है. कंपनी ने अध्ययन किया कि इस तरह के कॉल या मैसेज का महिलाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है.

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