झारखंड के दुमका में रह रही अंकिता 12 वीं कक्षा की छात्रा थी. अंकिता का लक्ष्य पुलिस अधिकारी बनना था. उसकी उम्मीदें उस दुर्भाग्यपूर्ण रात में धराशायी हो गईं जब 23 अगस्त को उसके कथित शिकारी, जिसे शाहरुख के रूप में पहचाना गया है, ने उसे आग लगा कर मारने की कोशिश की. इसी के कारण घायल ने रविवार, 28 अगस्त को दम तोड़ दिया.
उन्नीस वर्षीय अंकिता एक गर्ल्स स्कूल की छात्रा थी. बचपन में कैंसर के कारण अपनी मां को खोने के बाद, अंकिता के परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. सूत्रों ने पुष्टि की कि उसके पिता की आय प्रति दिन २०० रुपये थी और इस स्थिति के कारण, अंकिता छात्रों को ट्यूशन भी पढ़ाती थीं.
आखिर ऐसा क्या हुआ अंकिता के साथ की उसको ये सब सहना पड़ा?
अंकिता ने अपनी मौत के कुछ घंटे पहले पुलिस को बताया कि आरोपी शाहरुख ने करीब 10 दिन पहले उसको फोन किया था और उसे अपना दोस्त बनने के लिए उकसाया था.
"उसने मुझे सोमवार (22 अगस्त) को रात 8 बजे फिर से फोन किया और मुझसे कहा कि अगर मैंने उससे बात नहीं की तो वह मुझे मार डालेगा. मैंने अपने पिता को धमकी के बारे में बताया, जिसके बाद पिताजी ने मुझे आश्वासन दिया कि वह उस लड़के से अगले दिन सुबह बात करेंगे"
"रात का खाना खाने के बाद, हम सो गए. मैं दूसरे कमरे में सो रहा थी. मंगलवार की सुबह, मुझे अपनी पीठ में दर्द महसूस हुआ और कुछ जलने की गंध आ रही थी. जब मैंने अपनी आँखें खोली तो मैंने उसे भागते हुए देखा. मैं दर्द से चिल्लाई और मेरे पिताजी के कमरे में चली गई. मेरे पिता ने आग बुझाई और मुझे अस्पताल ले आए."
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