आधुनिक समय में साइबर अरेस्ट की अनेक घटनाएं देश में घटित हो रही हैं, लोग फर्जी साइबर अरेस्ट के चक्कर में लाखों रुपए की ठगी का शिकार हो रहे हैं.
आइए, आज आप को बताते हैं इस तरह की घटनाओं और इस से बचाव के बारे में :
देश की राजधानी दिल्ली के सुभाष नगर में एक युवती को औनलाइन बंधक (डिजिटल अरेस्ट) कर ₹2 लाख की ठगी कर ली गई. आरोपियों ने पीड़ता को बताया कि उस ने जो पार्सल भेजा है, उस में मादक पदार्थ व दूसरी गैरकानूनी चीजें हैं और इस मामले में उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. इस धमकी से युवती घबरा गई। ठगों ने पीड़िता का बैंक खाता जांच करने के नाम पर ₹2 लाख ऐंठ लिए.
ठगी हो जाने के एहसास के बाद
पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है. पीड़िता अपने परिवार के साथ सुभाष नगर इलाके में परिवार के साथ रहती है. दरअसल, 28 जुलाई, 2024 को उस के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन आया,”मैडम, मैं मुंबई से फेडेक्स कूरियर कंपनी का प्रतिनिधि बोल रहा हूं। आप के नाम का एक पार्सल ताइवान जा रहा है. पार्सल में 8 विदेशी पासपोर्ट, 5 एसबीआई क्रैडिट कार्ड, 300 ग्राम मादक पदार्थ, एक लैपटौप और कपड़े हैं.”
इस के बाद ठगों ने कानूनी काररवाई की बात कह कर उसे डरा दिया. पीड़िता को डराने के लिए किसी को कुछ न बताने और कमरे में बंद रहने के लिए कहा. इस मामले में बचने के लिए ठगों ने उसे बैंक खाता वैरिफिकेशन करवाने के लिए कहा और बताय कि इस के लिए उसे ₹2 लाख अपने खाते से एक दूसरे खाते में भेजने होंगे. रिजर्व बैंक औफ इंडिया इस रकम को वैरीफाई करेगा और 15 मिनट में रकम वापस कर दिया जाएगा.
पीड़िता आरोपियों के झांसे में आ गई और उस ने रकम आरोपियों के खाते में भेज दी. पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश कर रही है.
क्या ऐसी घटनाओं से अवगत हैं
साइबर ठगी : एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर एक अज्ञात व्यक्ति ने संपर्क किया और उसे एक बड़ी रकम का लालच दे कर ठग लिया.
फ्रौड कौल : एक व्यक्ति को एक फ्रौड कौल आया, जिस में उसे बताया गया कि उस का बैंक खाता हैक हो गया है और उसे अपनी व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी.
औनलाइन शौपिंग फ्रौड: एक व्यक्ति ने औनलाइन शौपिंग की और भुगतान किया, लेकिन सामान नहीं मिला.
जौब फ्रौड: एक व्यक्ति को नौकरी का लालच दे कर ठग लिया गया.
रोमांस स्कैम: एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर एक अज्ञात व्यक्ति ने संपर्क किया और उसे प्यार का लालच दे कर ठग लिया.
बैंक खाता हैक: एक व्यक्ति का बैंक खाता हैक हो गया और उस की रकम निकाल ली गई।
फेक वैबसाइट: एक व्यक्ति ने एक फेक वैबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी दी और ठग लिया गया.
सोशल मीडिया फ्रौड: एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर एक अज्ञात व्यक्ति ने संपर्क किया और उसे ठग लिया.
इन घटनाओं से आपशको सावधान रहने की आवश्यकता है और साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहने की जरूरत है.
बिना जागरूकता के ठगे जाएंगे
औनलाइन अरेस्ट, जिसे डिजिटल अरेस्ट या साइबर अरेस्ट भी कहा जाता है, एक प्रकार की साइबर ठगी है जिसवमें आरोपी व्यक्ति को औनलाइन प्लेटफौर्म पर गिरफ्तार किया जाता है और उसे झूठे आरोपों में फंसाया जाता है.
दरअसल, औनलाइन अरेस्ट की कानूनी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह साइबर ठगी के तहत आता है जोकि एक दंडनीय अपराध है.
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत साइबर ठगी के मामलों में काररवाई की जा सकती है. जो व्यक्ति किसी व्यक्ति को धोखा दे कर या झूठे आरोपों में फंसा कर उस की संपत्ति या मूल्य की चीजें प्राप्त करता है, वह दंडनीय अपराध का दोषी होता है.
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत, जो व्यक्ति किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर के या झूठे आरोपों में फंसा कर उस की संपत्ति या मूल्य की चीजें प्राप्त करता है, वह दंडनीय अपराध का दोषी होता है.
औनलाइन अरेस्ट के मामलों में पीड़ित व्यक्ति को तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और साइबर सेल की मदद लेनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट और अन्य कोर्ट्स ने औनलाइन अरेस्ट और साइबर ठगी के मामलों में टिप्पणी की है. यहां कुछ उदाहरण हैं :
सुप्रीम कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में कहा कि औनलाइन ठगी के मामलों में पुलिस को तुरंत काररवाई करनी चाहिए और पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में एक मामले में कहा कि साइबर ठगी के मामलों में आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले पुलिस को सावधानी से जांच करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोपी व्यक्ति दोषी है.
कोर्ट्स औनलाइन अरेस्ट और साइबर ठगी के मामलों में सख्ती से निबटने के लिए कह रहे हैं और पुलिस को सावधानी से जांच करने और पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए कह रहे हैं.
दिल्ली: दिल्ली में एक व्यक्ति को औनलाइन अरेस्ट किया गया और उसे ₹50 हजार की ठगी का शिकार बनाया गया. आरोपी ने व्यक्ति को झूठे आरोपों में फंसाया और पैसे मांगे.
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के एक जिले में एक महिला को औनलाइन अरेस्ट किया गया और उसे ₹2 लाख की ठगी का शिकार बनाया गया. आरोपी ने महिला को झूठे आरोपों में फंसाया और पैसे मांगे.
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के एक शहर में एक व्यक्ति को औनलाइन अरेस्ट किया गया और उसे ₹1 लाख की ठगी का शिकार बनाया गया.आरोपी ने व्यक्ति को झूठे आरोपों में फंसाया और पैसे मांगे.
राजस्थान: राजस्थान के एक जिले में एक व्यक्ति को औनलाइन अरेस्ट किया गया और उसे ₹30 हजार की ठगी का शिकार बनाया गया. आरोपी ने व्यक्ति को झूठे आरोपों में फंसाया और पैसे मांगे.
इन घटनाओं से पता चलता है कि औनलाइन अरेस्ट और साइबर ठगी के मामले पूरे देश में बढ़ रहे हैं और लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है.
विधि विद्वानों ने औनलाइन अरेस्ट और साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं :
औनलाइन लेनदेन करते समय सावधानी बरतें और अनजान लोगों से पैसे न मांगें। साइबर ठगी से बचने के लिए अपने पासवर्ड और सुरक्षा जानकारी को सुरक्षित रखें। औनलाइन अरेस्ट के मामलों में पुलिस को तुरंत सूचित करें और साइबर सेल की मदद लें. अपने बैंक खाते और क्रैडिट कार्ड की जानकारी को सुरक्षित रखें और अनजान लोगों से साझा न करें.
औनलाइन लेनदेन करते समय सुनिश्चित करें कि वैबसाइट सुरक्षित है और निर्धारित प्रोटोकौल का उपयोग करती है.
इन सुझावों को अपना कर हम औनलाइन अरेस्ट और साइबर ठगी से बच सकते हैं और अपनी वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं.