एक अच्छा महंगा वाला बोर्डिंग स्कूल लड़कियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. पैसे वाले बहुत से मातापिता यह सोच कर निश्चिंत हो जाते हैं कि उन्होंने जिस बोर्डिंग स्कूल में अपनी बेटी को भेजा है वह उसे पढ़ालिखा कर सक्षम भी बनाएगा और सुरक्षित भी रखेगा. वे ये दोनों चीजें पैसे से खरीदने की कोशिश करते हैं पर अफसोस यह है कि ये बोर्डिंग स्कूल एक साफ गटर से ज्यादा कुछ हो ही नहीं सकते.

जहां सिर्फ बहुत सी लड़कियां एकसाथ रहती हों वहां भी सुरक्षित और पढ़ने का माहौल होगा इस की कोई गारंटी नहीं है. उलटे वहां यही गारंटी है कि उद्दंड, टूटे हुए घरों की, मातापिता से दूर, प्यार की भूखी लड़कियां अपने बदन की जरूरतों को पूरा करने के लिए और ज्यादा खुली व निर्भय हो कर हर तरह के प्रयोग कर सकती हैं.

देहरादून के एक स्कूल में एक लड़की के साथ गैंगरेप और फिर स्कूल प्रबंधकों द्वारा घरेलू तरीकों से गर्भपात की कोशिश यह जताती है कि ये स्कूल कितने पिछड़े हैं. अच्छी बिल्डिंग, खेल का मैदान, बड़ा सारा मैस, हर हाथ में

मोबाइल, कंप्यूटर, स्ट्रिक्ट डिसिप्लिन इस बात की गारंटी नहीं है कि लड़कियां साफसुथरी होंगी. वे तो ऐसी गंगा में हैं जो सीवर से भी ज्यादा गंदी है.

इस लड़की के साथ स्कूल के 4 लड़कों ने ही गैंगरेप किया और पिता की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है. लड़की का गर्भपात कराने की कोशिश हो रही है. लड़कों की गिरफ्तारी हो गई है. पर क्या इस से कुछ सुधरेगा? यह मामला तो रोशनी में आ गया है पर ऐसा तो

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