औनलाइन खरीदारी का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है क्योंकि एक क्लिक में पूरा बाजार आप के सामने आ जाता है और घर बैठे सबकुछ खरीद लेना आसान हो गया है. ऐसे ही राधिका को भी औनलाइन शौपिंग करना बेहद पसंद था. जब भी उस के हाथ में फोन होता तो आंखें औनलाइन शौपिंग वैबसाइटों पर जमी होतीं. वह हर दिन नएनए प्रोडक्ट्स देखती और बिना जरूरत के भी कुछ न कुछ और्डर कर देती.
एक दिन उस ने एक शानदार औफर देखा 70% की छूट, सिर्फ आज के लिए. हालांकि उसे कोई नई चीज की जरूरत नहीं थी लेकिन इतने बड़े डिस्काउंट को वह नजरअंदाज नहीं कर सकी. उस ने तुरंत एक नई ड्रैस, कुछ जूते और एक बैग और्डर कर दिया.
पैकेज अगले दिन आ भी गया. जब उस ने चीजें देखीं तो उसे महसूस हुआ कि ड्रैस का रंग वैसा नहीं था जैसा तसवीर में दिखा था, जूतों का साइज भी सही नहीं था और बैग तो पहले से उस के पास था. राधिका को अब समझ में आया कि वह फालतू चीजों पर पैसे बरबाद कर रही है. उस की अलमारी पहले से ही कपड़ों और ऐक्सैसरीज से भरी थी, जिन में से कई उस ने सिर्फ एक बार ही कभीकभी इस्तेमाल किया था.
कुछ हफ्तों बाद उस ने अपने बैंक अकाउंट पर नजर डाली और देखा कि उस की औनलाइन शौपिंग की वजह से काफी पैसे खर्च हो चुके हैं. उस ने यह भी महसूस किया कि वह बारबार ऐसा सामान खरीद रही थी, जिस की उसे बिलकुल जरूरत नहीं थी.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन