क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी काफी समय से आम्रपाली बिल्डर्स का ब्रैंड ऐंबैसेडर बना हुआ है. हाल ही में उस बिल्डर से नाराज ग्राहकों ने धोनी पर आक्रमण कर डाला कि उन्होंने तो धोनी के कारण उस बिल्डर से फ्लैट खरीदे थे पर उन्हें तो फ्लैट मिले नहीं, देर से मिले या फिर खस्ता हालत में मिले. उन्होंने कहा कि अगर धोनी ने विज्ञापनों में भरपूर प्रचार न किया होता तो वे फ्लैट न खरीदते या फिर और ज्यादा जांचपड़ताल करते. अब एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि सरकार कानून बनाए, जिस में गलत ऐंडोर्समैंट करने वाले सैलिब्रिटी को भी उत्तरदायी बनाया जाए और उस पर क्व50 लाख तक के जुर्माने और 5 साल तक की जेल का प्रावधान हो.

सरकार इस तरह का कानून बना सकती है, क्योंकि इस तरह के कानूनों से नौकरशाही के हाथ मजबूत होते हैं और वे शासन में रह रहे नेताओं के साथ मिल कर और ज्यादा धौंस जमा सकते हैं व रिश्वत भी वसूल सकते हैं. सैलिब्रिटीज इस तरह का ऐंडोर्समैंट सिर्फ पैसे के लिए करते हैं. फिल्मी ऐक्टरों व खिलाडि़यों से आप कुछ भी बिकवा सकते हैं, चड्ढी से ले कर रौल्स रौयस गाड़ी तक. 10-20 पैसे के सामान से ले कर अरबों तक का खर्च सैलिब्रिटियों के नाम पर करा जाता है. कई बड़ी कंपनियों ने उन्हें अपने बोर्ड औफ डायरैक्टर्स में रखा है ताकि इस से काम में आसानी हो. आम जनता मूर्ख है, वह नीबूमिर्ची से सुरक्षा का विश्वास रखती है, गंडेतावीज से कैंसर का इलाज कराती है, मंदिर, मसजिद, दरगाह, गुरुद्वारे के फोटो लगवा कर मुनाफे की आशा करती है. फिर भगवानों के बराबर सितारों और खिलाडि़यों के ऐंडोर्समैंट को क्यों नहीं मानेगी.

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