‘‘यार, बहुत ट्राई कर लिया, लेकिन एक भी फ्रैंड नहीं मिली. यार, इधर तो सब फेक हैं, जो मिलती हैं वे खेलीखाई हैं, क्या ये असली युवतियां हैं. उस ने पहले फ्रैंड रिक्वैस्ट ऐक्सैप्ट की, फिर ब्लौक कर दिया. यार, इंटरनैट पर जितनी जल्दी रिश्ते बनते हैं उतनी ही जल्दी वे टूट भी जाते हैं,’’ ये बातें अकसर युवक या पुरुष एकदूसरे से साझा करते सुनाई पड़ते हैं. दरअसल, सोशल मीडिया सर्च तकनीक बेहद सटीक है. जिस की हमें तलाश हो वह हमें मिल जाता है, लेकिन अकसर लोग धोखा खा जाते हैं. कई बार कुछ गड़बड़ होने से लोगों को सोशल मीडिया पर निराशा हाथ लगती है. भारत में ज्यादातर लोग साथी ढूंढ़ने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं.
फेसबुक के मुताबिक भारत में प्रतिदिन 6.90 करोड़ लोग फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं जो देश में इस्तेमाल की जाने वाली साइट्स का 90 फीसदी है, यानी आप इन लोगों में से अपनी गर्लफ्रैंड जरूर ढूंढ़ सकते हैं, कोई कमी नहीं है बशर्ते आप यहां दिए सुझावों पर अमल करें. :
अनजान लोगों को फ्रैंड रिक्वैस्ट न भेजें
फेसबुक उन लोगों को ही रिक्वैस्ट भेजने की इजाजत देता है जिन को आप जानते हों, लेकिन अगर आप किसी अनजान महिला से फ्रैंडशिप का आग्रह कर रहे हैं और उस ने किसी की भी रिक्वैस्ट स्वीकार करने की गुंजाइश खुली रखी है तो आप उसे अपनी रिक्वैस्ट भेज सकते हैं. बशर्ते उसे आप पसंद आएं और आप दोनों के बीच बातचीत शुरू हो.
अपनी सर्च का दायरा सीमित रखें
फेसबुक पर सर्च का औप्शन होता है, जहां आप किसी का भी नाम और उस के शहर को खोज सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप दिल्ली में किसी मधुरिमा को ढूंढ़ना चाहते हैं तो मधुरिमा और दिल्ली लिख कर सर्च करें. अगर आप लाखों मधुरिमाओं की भीड़ से बचना चाहते हैं तो आप मधुरिमा के साथ उन का उपनाम (सरनेम) भी टाइप कर दें तो परिणाम और सटीक होंगे.