इसी साल जनवरी में प्रलय की प्रतीकात्मक घड़ी ‘डूम्सडे क्लौक’ को आधा मिनट और आगे खिसका दिया गया. इस बदलाव के साथ अब प्रतीकात्मक रूप से प्रलय का वक्त आने में सिर्फ ढाई मिनट का समय ही बचा है. इस से पहले वर्ष 2015 में यह बदलाव किया गया था और तब यह दूरी 3 मिनट की थी. नए परिवर्तन के पीछे एटमी हथियारों के इस्तेमाल और जलवायु परिवर्तन पर अमेरिकी रुख के बारे में अमेरिका के राष्ट्रपति डौनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बयान हैं. खासतौर से ट्रंप जो क्लाइमेट चेंज के मुद्दे को फर्जी तक कह चुके हैं, हालांकि बीचबीच में वे यह भी कहते हैं कि वे इस मामले पर खुले मन से बातचीत करने को तैयार हैं.

जहां तक परमाणु क्षमता के इस्तेमाल की बात है, तो इस संबंध में ट्रंप कह चुके हैं कि मौजूदा हालात को देखते हुए अमेरिका को अपने एटमी हथियारों की संख्या में और बढ़ोतरी करनी चाहिए. असल में उन का बयान रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बयान का जवाब था, जिस में उन्होंने कहा था कि उन के देश को परमाणु ताकत के मोरचे पर और ताकतवर होने की जरूरत है. इस के जवाब में ट्रंप ने ट्वीट किया था कि अमेरिका को अपनी एटमी क्षमता का विस्तार करते हुए इसे मजबूत बनाना चाहिए. ऐसा तब तक किया जाए, जब तक दुनिया को परमाणु हथियारों को ले कर अक्ल न आ जाए. ट्रंप के इन बयानों के असर में ही डूम्सडे क्लौक को आगे खिसकाने की नौबत आई है.

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