इन्टरनेट से लेकर हर जगह मोटापे को कम करने के नुस्खे उपलब्ध होते है, लेकिन ये कितना सही है इसकी जानकारी किसी को नहीं होती और किये गए उपाय कारगर नहीं होते. असल में मोटापा पिछले कई सालों से समस्या बनी हुई है, इसमें सबसे अधिक समस्या किशोरावस्था की मोटापा है, जो आज की लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ चुकी है. घर पर बना हुआ खाना, हर दृष्टि से अच्छा और सेहतमंद रहने का जरिया है. इस बारें में प्रसिद्द पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, एडोलेसेंट एक्सपर्ट और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ.रिया बैनर्जी अंकोला बताती है कि पिछले 6 से 7 सालों से यूथ को बहुत सारी समस्याएं है. वे लैपटॉप पर घंटो बैठे रहते है. कही खेलने या घूमने नहीं जाते. शारीरिक रूप से वे बहुत कम एक्टिव है. खासकर मेट्रो में डाइट फूड के नाम पर जो बिक रहा है. उसे वे बिना सोचे समझे खरीद लेते है. लेकिन वह आपके लिए सही है या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं होती. वे मानसिक तनाव और मोटापे के शिकार है. जिसका सम्बन्ध उनकी जीवन चर्या और भोजन है. आपको घर के खाने पर अधिक जोर देने की जरुरत है . ओट्स आज आया है, पहले लोग दलिया खाते थे, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा था. इतना ही नहीं आज के यूथ क्विक फूड और रेडी तो ईट फूड अधिक खाते है, जिसमें प्रिजरवेटीव होता है,जिसका असर स्वास्थ्य पर बाद में पड़ता है. प्रोसेस्ड फूड कभी सही नहीं होता. मैंने खुद अपना 60 किलो वजन 2 साल में कम किया है. मेरा वजन भी तनाव की वजह से बढ़ा था.