एली को औफिस में हर कोई नोटिस करता है. महिलाएं भी. जानते हैं क्यों, क्योंकि वह बहुत स्टाइलिश है. हर दिन ब्रैंडेड कपड़े पहन कर आती है. कालेज में मुसकान को बातें करता देख हर किसी की निगाह उस पर अटक जाती है. वजह, उस का बातें करने का स्टाइलिश अंदाज. वह फ्लूऐंटली अंगरेजी बोल लेती है. सीमा भाभी सब की फेवरेट हैं. घर में हर काम उन की सलाह से किया जाता है. यहां तक कि किस को क्या गिफ्ट देना है वह भी उन से पूछा जाता है. दरअसल, वे बहुत स्टाइलिश हैं. आखिर क्या है स्टाइलिश होना? क्या सिर्फ अच्छे ब्रैंड के कपड़े पहन लेने से कोई स्टाइलिश बन सकता है या फिर अंगरेजी में गिटरपिटर करना और हर किसी के काम में दखल देना किसी को स्टाइलिश होने की श्रेणी में खड़ा कर सकता है?
शायद नहीं. स्टाइलिश होने का मतलब अपने अंदाज को अलग अंदाज में लोगों के सामने पेश करना होता है और यह काम शुद्ध हिंदी बोलने वाला औैर सादे कपड़े पहनने वाला व्यक्ति भी कर सकता है. लेकिन बात जब महिलाओं की आती है, तो स्टाइलिश होने के माने थोड़े बदल जाते हैं, क्योंकि महिलाओं में सौंदर्य और शारीरिक सजावट को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है. महिलाओं में भ्रांति होती है कि यदि वे सुंदर हैं तो वे स्टाइलिश भी हैं. जबकि हकीकत यह है कि हर सुंदर महिला स्टाइलिश नहीं हो सकती. इस की वजह बताती हैं ओरिफ्लेम इंडिया की ब्यूटी एवं मेकअप विशेषज्ञा आकृति कोचर, ‘‘हम सिर्फ शारीरिक खूबसूरती को स्टाइलिश होने का पैमाना नहीं मान सकते, क्योंकि सुंदर होने के साथसाथ आप का व्यवहार, रहनसहन, खानपान, पहनावा और बोलचाल का स्टाइलिश होना भी जरूरी है.’’