नाम-चेतना
उम्र-कोई 28 साल
स्थान सालपुरी [अलवर]
प्रदेश-राजस्थान
सालपुरी की महिलाओं के लिए चेतना महज एक नाम नहीं बल्कि उनकी जिंदगी में कायाकल्प कर देने वाले किसी जादूगर जैसा है.यह कहानी तीन साल पहले शुरू हुई चेतना की एक पड़ोसन के पेट में दर्द था.उसे सूझ नहीं रहा था कि वह क्या करे ? रात का समय था,दूर दूर तक कोई डॉ था नहीं और दुर्भाग्य से घर में कोई बड़ी बूढी औरत भी नहीं थी, जो ऐसे मौके पर अपने अनुभवों के खजाने से कोई उपाय खोजती.चेतना को यह बात मालूम पड़ीं तो वह अपना स्मार्ट फोन लेकर पड़ोसन के पास आयी और कहा चलो इंटरनेट से कोई उपाय ढूंढते हैं.पड़ोसन को कुछ समझ नहीं आया.उसे कुछ करना या समझना भी नहीं था,बस अपनी आँखों से वह सब देखना था जो चेतना कर रही थी.चेतना ने पड़ोसन को सिखाते हुए बताया कैसे हम छोटी मोटी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हल इंटरनेट से खोज सकते हैं.
चेतना ने ‘पेट दर्द से फ़ौरन राहत दिलाने वाले घरेलू नुस्खे’ लिखकर नेट में सर्च किया.तुरंत कई घरेलू नुस्खे सामने आ गए.उन दोनों ने मिलकर एक नुस्खे को आजमाना तय किया.दोनों ने मिलकर ‘अदरक का काढ़ा’ बनाने के नुस्खे को आजमाया.5 मिनट में काढ़ा तैयार हो गया.इससे चेतना को न सिर्फ तुरंत जादुई राहत मिली बल्कि इंटरनेट के प्रति जबर्दस्त आकर्षण पैदा हुआ.आज चेतना की वह पड़ोसन अपने परिवार की सबसे स्मार्ट महिलाओं में से एक है.उसे न सिर्फ दर्जनों किस्म की खाने की नई नई चीजें बनाने आती हैं,बल्कि वह अपने इस हुनर से कुछ कमा भी लेती है.इस सबका जरिया है इंटरनेट.चेतना की पड़ोसन ने इंटरनेट के जरिये दर्जनों किस्म के अचार बनाने सीखे हैं.ऐसी चीजों से भी पहले जिसके बारे कभी सोचा भी नहीं था.इसलिए चेतना की यह पड़ोसन आज इंटरनेट की मुरीद है.यह चेतना की किसी एक पड़ोसन की कहानी नहीं है.चेतना ने घूम-घूमकर पूरे अलवर में ऐसी 900 महिलाओं को इंटरनेट सैवी बनाया है जो उसे चेतना नहीं ‘इंटरनेट साथी’ कहकर बुलाते हैं.