इंगलैंड की लेबर पार्टी ने चुनावी वादा किया है कि वह बच्चों में भेदभाव खत्म करने के लिए और एक इलीट, पैंपर्ड, शानशौकत में पलने वाली पीढ़ी पर जुरमाना करने के लिए प्राइवेट फीस देने वाले स्कूलों को सेल्स टैक्स के दायरे में ला कर 20% का टैक्स लगाएगी. इंगलैंड में 2,600 प्राइवेट स्कूलों में 6 लाख 15 हजार स्टूडैंट्स हैं जो कुल ब्रिटेन के स्टूडैंट्स का 7त्न हैं. आमतौर पर जहां सरकारी स्कूल मुफ्त हैं वहां इन प्राइवेट स्कूलों में 16 हजार पौंड यानी क्व16 लाख की वार्षिक फीस होती है.
अमीर होते हुए भी ब्रिटेन में इन प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ काफी माहौल है और इसीलिए लेबर पार्टी अगले चुनावों में उसे एक खास मुद्दा बना रही है क्योंकि इन स्कूलों से निकले बच्चे इंगलैंड की असली समस्याओं से अलग रहते हैं, ऐयाशी में रहते हैं, गरीबों को कीड़ेमकोड़े सम?ाते हैं और सब से खतरनाक बात यह है कि ये लोग अपने जैसों की सहायता से पूरे शासन पर कब्जा किए रखते हैं.
यह भारत में कई गुना पैमाने पर हो रहा है. जहां ब्रिटेन में यह केवल मांबाप के पैसे को जताता है, वहीं हमारे यहां लगभग हर जाति ने अपना प्राइवेट स्कूल खोल लिया है और ऊंची जातियों की सरकार इन स्कूलों को हर सुविधा दे रही है. उन्हें सस्ते में जमीनें दी जा रही हैं, उन के हिसाब से सिलेबस बन रहा है, उन के हिसाब से पढ़ाई का स्टैंडर्ड तैयार हो रहा है और सब का मकसद है कि गरीब जातियों के लोग सरकारी स्कूलों में धकेले जाएं जहां टीचर्स को तो मोटा वेतन मिलता है पर वे पढ़ाई जानबू?ा कर नहीं कराते ताकि जन्म से वर्गव्यवस्था की सोच के अनुसार पिछले जन्मों के पापों का फल इस जन्म में बच्चे भोगते रहें और ऊंची जातियों के बच्चों के लिए लेबर सप्लाई होती रहे.
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