Haldi Function : शादी में हलदी की रस्म का जितना महत्त्व होता है, उस से कहीं ज्यादा इस रस्म के दौरान जो मजाकमस्ती व नाचगाना होता है वह शादी का मजा दोगुना कर देता है. यही वजह है शादी में हलदी की रस्म को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस प्रथा के दौरान कई सारी बातें ऐसी होती है जो ध्यान देने योग्य हैं. हलदी की रस्म के दौरान अगर हम इन बातों का ध्यान रखें तो शादी के दौरान हुई हलदी की रस्म का मजा न सिर्फ दोगुना हो जाएगा बल्कि यादगार भी रहेगा. पेश हैं, इसी सिलसिले पर एक नजर :
शादी में हलदी की रस्म का महत्त्व
शादी का मौसम आ चुका है, हर तरफ शादी का शोर है. शादी में बाराती बनने वाले और दूल्हादुलहन महंगीमहंगी खरीदारी में जुटे हैं. शादी की शुरुआत हलदी की रस्म से होती है। हलदी मेहंदी, संगीत, शादी के वे फंक्शंस हैं जिन का मजा सिर्फ दूल्हादुलहन ही नहीं, बल्कि शादी में आने वाले बाराती भी लेते हैं क्योंकि हलदी को शुभ माना जाता है.
इसलिए शादी की शुरुआत हलदी की रस्म से होती है. दूल्हादुलहन को हलदी चढ़ाई जाती है. इस रस्म के पीछे एक वजह यह भी है कि ठंडे इलाकों में रहने वाले लोग कईकई दिनों तक नहाते नहीं थे जिस के वजह से उन के शरीर पर मैल की परतें जम जाती थीं. इसी वजह से दूल्हादुलहन को हलदी लगाई जाती थी। कई बार हलदी का रंग पीले से काला हो जाता था जो दूल्हा या दुलहन के न नहाने का सुबूत होता था. इसी बात को ध्यान में रख कर पूर्वजों द्वारा हलदी की रस्म की शुरुआत हुई ताकि शादी में दूल्हादुलहन सिर्फ शुभ हो कर ही नहीं बल्कि स्वच्छ हो कर भी शामिल हों.
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