अमेरिकन कस्टम्स और बौर्डर प्रोटैक्शन देश के 20 टौप एअरपोर्ट्स पर फेशियल रिकोग्निशन यानी चेहरे की पहचान सिस्टम शुरू करने वाला है और अक्तूबर, 2020 तक लगभग सभी एअरपोर्ट्स पर ऐसा करने का इरादा है. कई देशों में है यह तकनीक अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, जापान, चीन, जरमनी, रूस, आयरलैंड, स्कौटलैंड, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, न्यूजीलैंड, फिनलैंड, हौंगकौंग, नीदरलैंड, सिंगापुर, रोमानिया, कतर, पनामा जैसे देशों में पहले से यह तकनीक काम कर रही है.

चीन में सब से पहले इस तरह की व्यवस्था की शुरुआत हुई थी. जरमनी इस तकनीक का इस्तेमाल आतंकियों की पहचान के लिए कर रहा है. अब भारत सरकार भी तकनीकी विकास और समय की बचत के नाम पर बायोमिट्रिक स्क्रीनिंग सिस्टम की इस व्यवस्था को एअरपोर्टों पर लागू करने का मन बना चुकी है.

बीआईएएल यानी बैंगलुरु इंटरनैशनल एअरपोर्ट लिमिटेड ने हाल ही में अपने एक ट्वीट में कहा कि अब आप का चेहरा ही आप का बोर्डिंग पास होगा. बैंगलुरु को भारत का पहला पेपरलैस एअरपोर्ट बनाने के लिए बीआईएएल ने विजनबौक्स से ऐग्रीमैंट साइन किया है.

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बीआईएएल की ओर से जारी एक स्टेटमैंट में कहा गया है कि बोर्डिंग के लिए रजिस्ट्रेशन को पेपरलैस बना कर हवाईयात्रा को आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इसी मकसद से यह सुविधा शुरू की गई है. बायोमिट्रिक टैक्नोलौजी द्वारा पैसेंजर्स के चेहरे से उन की पहचान होगी और वे एअरपोर्ट पर बिना किसी झंझट जा सकेंगे. इस के लिए उन्हें बारबार बोर्डिंग पास, पासपोर्ट या अन्य आइडैंटिटी डौक्युमैंट्स नहीं दिखाने पड़ेंगे.

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