त्योहार मनाने की शुरुआत घर की साफसफाई से तो कर ली, मगर दिल को साफ करने के बारे में भी सोचा क्या? घरबाहर की दीवारों के रंग तो बदल दिए, मगर किसी और के जीवन में रंग भरने का खयाल भी दिल में आया क्या? ये सवाल त्योहार के बाद फुरसत के लमहों में खुद से पूछें जरूर.

त्योहारों को खुद तक सीमित रख कर उन की खुशी का आनंद छोटा करने के बजाय कभी उन लोगों के साथ भी उत्सव का लुत्फ उठाएं जिन की जिंदगी में किसी वजह से अंधेरा पैर पसार चुका है. किसी अकेली दंपति का सूनापन दूर करें, किसी उदास चेहरे पर मुसकान ले आएं या किसी रूठे को गले लगा कर पुरानी मिठास रिश्ते में वापस ले आएं.

ये सब करने में खर्च सिर्फ अपनापन होता है, मगर बदले में जो सुकून और प्यार मिलता है उस की कोई कीमत नहीं लगा सकता. आप की एक छोटी सी पहल किसी की जिंदगी बदल सकती है. आइए, आगे बढ़ कर आने वाले सभी त्योहार कुछ यों बनाएं यादगार:

गिलेशिकवे करें दूर

रिश्ते जिंदगी के लिए बहुत जरूरी होते हैं. लेकिन अकसर हम छोटीछोटी बातों को अपने दिल में घर कर लेने देते हैं कि वे रिश्ते जो एक वक्त पर हमारी जिंदगी होते हैं उन्हें ही हम खुद से दूर कर देते हैं. समय रहते रूठों को मनाना जरूरी है. त्योहारों पर उन रिश्तों में भी रंग भरना न भूलें जो किसी समय हमारे बहुत करीब थे लेकिन वक्त की भागदौड़ में ये रिश्ते कहीं पीछे रह गए.

त्योहार के बाद भी सरप्राइज देने के लिए यों अचानक अपनों के घर पहुंचिए और प्यार से सभी को गले लगा लीजिए. अपने प्यार का तोहफा उन के हाथों में रख दिल से मुस्कराइए. एक पल में उन के साथसाथ आप की जिंदगी भी रोशन हो उठेगी.

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