Financial Planning : रचना की अच्छीखासी नौकरी थी मगर शाह खर्च होने के कारण उस की बचत शून्य थी. अपने दोस्तों की सलाह पर उस ने म्यूचुअल फंड्स तो जरूर ले लिए थे पर बाद में कंसिस्टैंसी न होने के कारण उस का कोई भी म्यूचुअल फंड नही चल पाया है. जैसे ही कोई ऐक्स्ट्रा खर्चा आता, तो रचना हमेशा महंगाई का रोना रोने लगती और उधार मांगने लगती.

ऐसा ही कुछ हाल अंशु का भी था. औनलाइन शौपिंग की इतनी बुरी लत थी कि सैलरी का प्रमुख हिस्सा जूते, कपड़ों और ऐक्सैसरीज में चला जाता. पति या सास के टोकने पर वह मेरी कमाई मेरा हक का तुरुप पत्ता रख देती. मगर जब एकाएक अंशु के पति की नौकरी पर बन आई तो उस की हालत पतली हो गई. सेविंग के नाम पर उस के पास बस एक एफडी थी वह भी उस ने बीच में ही तुड़वा दी थी.

उधर निधि ने अपने पैसे तो अवश्य इनवैस्ट किए मगर एलआईसी और एफडी जैसी आउटडेटेड स्कीम्स में जहां पैसे की बढ़त बहुत ही धीमी गति से होती है. मगर निधि को लगता है कि म्यूचुअल फंड्स या स्टौक्स में लगाने से उस के पैसे डूब जाएंगे.

आज के दौर में जब जिंदगी बहुत अनसर्टेन है. ऐसे में फाइनैंशियल प्लानिंग एक सुखमय जीवन के लिए बेहद जरूरी है.

आप की कमाई या वेतन कम या ज्यादा है इस बात से अधिक यह महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने पैसे को कैसे लगाते हैं. अगर आप सोचसमझ कर इनवैस्टमैंट करते हैं तो आप के फ्यूचर को फाइनैंशियल सिक्योर होने से कोई नहीं रोक सकता है.

अपनाएं 50-30-20 का फौर्मूला. आप की सैलरी कम हो या ज्यादा, मगर यह फौर्मूला फाइनैंशियल प्लानिंग के लिए बेहद कारगर है. आप की सैलरी का 50त्न रोजमर्रा के खर्चों के लिए, 20 आप के शौक और कुछ मिसलेनियस खर्च के लिए और 30 आप को इनवैस्ट अवश्य करना चाहिए. ऐसा निरंतरता से करेंगे तो आप का धीरेधीरे ही सही एक कौपर्स फंड हो जाएगा. अगर आप यह फौर्मूला अपनाएंगे तो जिंदगी में भी डिसिप्लिन आ जाएगा.

मैडिकल इंश्योरैंस है जरूरी: आजकल इलाज इतना अधिक महंगा है कि मैडिकल इंश्योरैंस बहुत ही जरूरी है. कितनी भी सेविंग या इनवैस्टमैंट कर लें, एक बीमारी आप को अंदर तक निचोड़ देगी. इसलिए खुद को सेफ रखने के लिए मैडिकल इंश्योरैंस अवश्य कराएं.

इमरजैंसी फंड्स को न करें इग्नोर: इनवैस्टमैंट शुरू करने से पहले कम से कम

3 से 6 माह तक के इमरजैंसी फंड का बंदोबस्त अवश्य कर के रखें. ऐसा करने से अगर कभी जिंदगी में बुरा समय भी आ जाए तो आप इस इमरजैंसी फंड के सहारे उस समय को भी गुजार लेंगे.

औनलाइन शौपिंग से करें परेहज: औनलाइन शौपिंग एक बहुत ही बुरी लत है. इसे करने से आप कितना पैसे खर्च कर देते हैं आप को कभी पता नहीं लग पाएगा. कोई भी चीज खरीदने से पहले कम से कम 1 माह तक उस चीज को खरीदने से बचें. अगर आप को उस वस्तु की 1 माह के बाद भी जरूरत लगती है तो अवश्य खरीदें नहीं तो आप को उस चीज की जरूरत ही नहीं.

सिप हैं जरूरी: कितना भी छोटा अमाउंट हो मगर सिप अवश्य शुरू कर दें. जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना ही अच्छा रहेगा. सिप शुरू करने से पहले किसी फाइनैंशियल प्लानर से एक बार सलाह अवश्य ले लें. यह सोच कर मत टालिए कि जब सैलरी बढ़ेगी तब शुरू करूंगा इत्यादि.

एलआईसी लें सोचसमझ कर: एलआईसी में रिस्क अवश्य नही है मगर इस में ग्रोथ बहुत कम है. अगर आप का मन है तो कोई ऐसा प्लान लें जिस में इनवैस्टमैंट कम हो और प्रोटैक्शन अधिक. एफडी या आरडी आज के समय में एकदम आउटडेटेड हैं.

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