सालों से महिलाओं को हमेशा किसी पुरुष के साथ बाहर निकलने की सलाह दी जाती रही है, ताकि वे किसी भी अनहोनी घटना से महिला को बचा सकें. इसमें पहले पिता, भाई फिर पति के संरक्षण में एक महिला को पूरा जीवन बिताना पड़ता था, उन्हें जीने की आजादी कभी मिली ही नहीं, क्योंकि शारीरिक रूप से महिला पुरुषों से हमेशा कमजोर रही है, लेकिन समय के साथ-साथ महिलाओं की सोच में भले ही परिवर्तन हुआ हो और वे हर फील्ड में काम कर अपनी मुकाम हासिल कर रही हो, लेकिन पुरुषों की सोच में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, वे आज भी महिला को कमजोर समझते है, यही वजह है कि आये दिन महिलाओं के साथ छेड़-छाड़, रेप आदि की घटनाएं सुर्ख़ियों में देखने को मिलती है. इतना ही नहीं कुछ पुरुषों ने महिलाओं के पोशाक और रहन-सहन को भी गलत ठहराने में पीछे नहीं हटे, ऐसे में महिलाओं और लड़कियों की आज़ादी कुछ भी करने की नहीं रह जाती. अगर उन्हें आजादी की इच्छा हो तो उन्हें खुद को मजबूत बनने के साथ-साथ, अपनी रक्षा के बारें में भी कदम उठाने की जरुरत है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से वे खुद को बचा सकें. 

इस बारें में पिंक बेल्ट मिशन की सेल्फ डिफेन्स एक्सपर्ट और मार्शल आर्ट चैम्पियन अपर्णा राजावत कहती है कि हर महिला को सेल्फ डिफेन्स के बारें में थोड़ी जानकारी होनी चाहिए, ताकि राह चलते किसी के भी छेड़-छाड़ करने पर वे उसका सामना कर सही जवाब दे सकें. कुछ महिलाओं को लगता है कि ये क्षेत्र पुरुषों का है और वे इसपर अधिक ध्यान नहीं देती. इसलिए सबसे पहले इसके बारें में जान लेना आवश्यक है. कुछ गाइडलाइन्स निम्न है.

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