रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के फ्रांसीसी औरतें कर्स कर रही हैं क्योंकि अब वे स्विमिंग पूल में अपनी सुंदर काया नहीं दिखा पाएंगी. दोनों का आपस में क्या रिलेशन है भई. असल में जब से भारत के प्रेसिडेंट ने अपनी पौवर दिखाने के लिए बिना बात के यूक्रेन पर अटैक किया है, यूरोप और अमेरिका ने रूस से ट्रेड पर पूरी सेंकशनें लगा दी हैं. बदले में रूस ने अपनी गैस यूरोप को बेचने पर रोक लगा दी है और धीरेधीरे यूरोप के घर ठंडे होते जा रहे हैं और इन सर्दियों में उन के ठिठुरने की नौबत आने वाली है.
इसी चक्कर में फ्रांस ने डिवाटड किया है कि पब्लिक स्वीङ्क्षमग पूलों में अब बहुत गर्भ पानी नहीं मिलेगा और यंग, स्लिम को मोटा, फुलबौडी स्विमिंग सूट पहनना होगा.
यह प्यार टौर्चर है. लड़कियां खाने में भरपूर डाइटिंग करती हैं, जौङ्क्षगग करती हैं, जिम जाती है. वर्क आउट करती हैं पर अब उन की स्लिम ट्रिस बौडी को कोई देख न सके तो सब करने का फायदा क्या.
हमारे यहां खातेपीते घरों की औरतें मोटी होती ही इसलिए हैं कि साड़ी और सलवारकमीज सूट में फैट लेयर काफी छिप जाती है और फिर बदन के बारे में लापरवाह हो जाती हैं. जहां बदन दिखाने की छूट होती है वहां लड़कियां अवेयर रहती हैं कि वे कैसी लग रही हैं.
पब्लिक गार्डन की तरह पब्लिक स्वीङ्क्षमग पूल सब से बड़े इंसैंटिव हो सकते हैं लड़कियों के फिट रखने के. यूरोप अमेरिका की लड़कियां इसीलिए ज्यादा फिट होती है क्योंकि वहां स्विमिंग पूल की भरमार है. हमारे यहां यह सिर्फ 5 स्टार कल्चर का हिस्सा है. होना तो यह चाहिए कि औरतों को केवल उस पार्टी को वोट देना चाहिए जो अपने मैनिफैस्टों में जौब्स दे या न दे, बहुत से स्विमिंग पुल जरूर दे. यह तो बेसिक वुमन राइट है न.