जिस तरह इंद्रधनुष के 7 रंग होते हैं, ठीक उसी तरह हमारी जिंदगी में भी हर तरह के रंग होना जरूरी है. जैसे खुशी, दुख, मजाक, गम, गंभीरता, भोलापन आदि...और सब से महत्त्वपूर्ण बचपन से भरा पागलपन व मस्ती.

ये सब जब जिंदगी में शामिल होते हैं तो जिंदगी में कई रंग ले आता है जिस से हमें खुशियां मिलती हैं. अगर हमारे जिंदगी में ये सब न हो तो जिंदगी बेरंग हो जाती है. जिस तरह दुख के बगैर खुशी की अहमियत समझ नहीं आती, उसी तरह लगातार खुशियां आप को कठिन जीवन लड़ने की चुनौतियों के सामने कमजोर कर देती हैं और थोड़ी सी मुश्किलें आने पर भी आप उस से घबरा जाते हो. यही वजह है कि जिंदगी में चाहे कितनी ही तकलीफ आ जाएं हमेशा खुश और पौजिटिव रहने की कोशिश जरूरी है. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें मस्तीमजाक करना बिलकुल पसंद नहीं होता. वे हमेशा गंभीर रहते हैं. उन के चेहरे से ही क्रोध व चिड़चिड़ापन झलकता है.

कैसेकैसे लोग

ऐसे लोगों से अगर कोई अच्छा इंसान भी है तो भी लोग उस से 4 फुट की दूरी बना कर रखते हैं. इस के विपरीत कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें गंभीर रहना या सीरियस होना नहीं आता. कई बार भयंकर तकलीफ में भी उन्हें मजाक सूझता है. और ऐसे मजाकियां इंसान को देख कर कई बार लोग भी सोच में पड़ जाते हैं कि भला इतनी तकलीफ और परेशानी में कोई कैसे मजाक कर सकता है या हंस सकता है.

लेकिन ऐसे स्वभाव से मस्तीखोर लोग जिन की हर बात में मजाक होता है वह सीधेसीधे बात करेंगे तो भी लगता है कि वह मजाक ही कर रहे हैं. ऐसे लोग जहां भी पहुंच जाते हैं वहां रौनक हो जाती है. हर किसी को उन के साथ अच्छा लगता है. ऐसे मजाकिया लोग हर महफिल की शान होते हैं. वे जहां पहुंच जाते हैं वहां का माहौल हंसी और ठहाकों से भर उठता है.

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