दिल्ली मैट्रो में सफर केवल आनेजाने के लिए ही नहीं होता. सफर करते वक्त अकसर कपल्स जिस तरह रोमांस में डूबे नजर आते हैं उस से लगता है कि यह खासी रोमांटिक जगह है. सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिन में कल्पस मैट्रो ट्रेन में रोमांस करते नजर आ रहे हैं. इन वीडियो क्लिपिंग्स को लोग अश्लीलताभरी नजरों से देखते हैं और तरहतरह की बातें बनाते हैं कि लाइफ को खुल कर जीने वाले युवा सफर के दौरान सारी मानमर्यादाएं ताक पर रख देते हैं.
यह सही है कि रोमांस जितना खूबसूरत बोलने में लगता है उतना ही सुंदर इस का एहसास भी है, पर यह एहसास कमरे के अंदर ही अच्छा लगता है. आज सड़क पर गले मिलना यानी हग करना, हाथ में हाथ डाल कर चलना, एकदूसरे को पाउट करना यों तो अश्लील हरकत नहीं मानी जाती, लेकिन जब सार्वजनिक जगहों पर कोई कपल किस करने की हद तक पहुंचता है तो इसे गलत नजरिए से देखा जाता है.
दिल्ली मैट्रो में पांव रखने की भी जगह नहीं होती. उस भीड़ में भी कपल्स एकदूसरे की बाहों में खोए नजर आते हैं. सार्वजनिक स्थलों पर एकदूसरे के करीब आना, प्रेम की सीमा लांघना खतरे से खाली नहीं है.
दिल्ली जैसे महानगर में ऐसी हरकतें अब आम हो गई हैं. पहले प्यार जताने के लिए जहां चिट्ठियों का आदानप्रदान होता था वहीं आज युवा एकदूसरे को अश्लील वीडियो क्लिप्स व मैसेजेज सैंड कर के प्यार जताते हैं. शारीरिक तौर पर एकदूसरे के करीब आना ही आज प्रेम बन गया है.
दिल्ली मैट्रो में सफर करते वक्त यात्रियों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है. कई बार तो इन प्रेमी जोड़ों के करीब आने और उन की अश्लील हरकतों से यात्रियों को शर्मिंदा भी होना पड़ता है.
क्या शील है और क्या अश्लील
मैट्रो में सफर करते समय हमें भारी भीड़ का भी सामना करना पड़ता है. ऐसी भीड़ में बहुत से कपल्स एकदूसरे का हाथ थाम लेते हैं और एकदूसरे को प्रोटैक्ट करते हैं. इस दौरान करीब आ कर वे एकदूसरे को हग भी करते हैं. इन के इस तरह करीब आने से किसी को भी आपत्ति नहीं होती, बल्कि लोग उन्हें स्पेस भी देते हैं.
कुछ कपल्स भीड़भाड़ में भी रोमांस को आतुर होते हैं और भीड़ में एकदूसरे को प्रोटैक्ट करतेकरते दोनों इतने करीब आ जाते हैं कि फिर उन्हें कुछ नहीं दिखाई देता और वहां मौजूद यात्रियों को उन की तरफ से अपनी नजरें हटानी पड़ती हैं.
ऐसे में कुछ युवा उन के इन पलों को अपने मोबाइल में कैद कर इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं. वे अपने प्यार में इस कदर खोए रहते हैं कि उन्हें इस बात की भी फिक्र नहीं होती कि वे सार्वजनिक स्थल पर खड़े हैं और कोई उन का वीडियो बना रहा है.
ऐसे वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपलोड हैं और अब इन वीडियो क्लिपों को पोर्न साइटों पर भी अपलोड किया जा रहा है. इन्होंने सुकून की सवारी देने वाली मैट्रो पर बदनुमा दाग लगा दिए हैं. मैट्रो में सफर करने वाले लोगों द्वारा ही इन प्रेमी जोड़ों का एमएमएस बनाया जाता है.
अब तक ऐसे करीब 250 अश्लील एमएमएस तकरीबन 13 अलगअलग पोर्न और अन्य साइट्स पर अपलोड किए जा चुके हैं. इन्हें लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा लोग देख भी चुके हैं.
हमारे देश में आज भी किस करना अश्लीलता की ही निशानी है. क्या किस करते हुए कपल्स का वीडियो बनाना अश्लीलता नहीं है?
रोमांस करना क्या अपराध है?
इस प्रश्न के जवाब में लोगों के अलगअलग विचार हमें सुनने को मिलते हैं. आज के युवावर्ग का कहना है कि अपने पार्टनर के साथ क्लोज होना भला अपराध कैसे हो सकता है. हम जिस से प्यार करते हैं यदि उस के करीब ही नहीं जाएंगे तो उस से क्लोज कैसे होंगे. ऐसा न करने से तो रिलेशन का मतलब ही नहीं बनता. आज के दौर में ये सब नौर्मल है. जेनरेशन गैप की वजह से लोगों की मानसिकता और विचारों में बहुत अंतर देखने को मिलता है. आज का युवा हर रूप में खुद को आजाद रखना चाहता है.
फैशन फोटोग्राफर पवन का मानना है, ‘‘लाइफ में हर चीज की एक लिमिटेशन होती है और जब हम वह लिमिट क्रौस कर देते हैं तो उसे लोग गलत नजर से देखना शुरू कर देते हैं. मेरा मानना है कि अपने पार्टनर के साथ क्लोज होना गलत नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थल पर आप को सजग रहना होगा, वहां अगर आप अश्लील हरकतें कर रहे हैं तो यह गलत है.’’
एक फोटोग्राफर के नाते पवन का मानना है कि हमें भी यह हक नहीं है कि हम किसी की अनुमति के बिना फोटो क्लिक करें, लेकिन वहां जो लोग इन कपल्स का वीडियो बनाते हैं और फिर उसे सोशल मीडिया पोर्न साइट्स पर अपलोड करते हैं, वह एक दंडनीय अपराध है और यह अपराध साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है.
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अवधेश दुबे का कहना है, ‘‘जो कपल्स मैट्रो में या अन्य किसी भी सार्वजनिक स्थान पर रोमांस करते हैं, एकदूसरे के करीब होते हैं, खुलेआम किस करते हुए नजर आते हैं, यह एक प्रकार की बेवकूफी है. एक तरफ तो ये कपल्स एकदूसरे की इज्जत करने की दुहाई देते हैं, वहीं दूसरी ओर अपनी इज्जत का खुद तमाशा बनाते हैं. मैट्रो में ऐसे बहुत से कपल्स हैं जो एकदूसरे का हाथ पकड़ कर बैठे होते हैं, एकदूसरे के कंधे पर सिर टिका लेते हैं, एकदूसरे को गले लगाते हैं. इसे हम गलत नहीं कह सकते, लेकिन ऐसी हरकत जिस से लोगों की नजरें झुक जाएं, जिस में शर्म का परदा हट जाए, उसे हम सही नहीं कह सकते.’’
दिल्ली मैट्रो में रोमांस का सिलसिला हर दिन चलता है, लेकिन इसे हमारा समाज रोमांस का दर्जा नहीं देता है, खुलेआम किस करना, शारीरिक रूप से क्लोज होना सिर्फ और सिर्फ बेवकूफी है. लोगों के पास खुद का घर है, अगर रोमांस करना है तो अपने घर में करो, कोई रूम ले लो. समाज में खुलेआम अपने रिश्ते का मजाक बनाना कहां की समझदारी है. हमारे समाज में इसे रोमांस नहीं, ‘लस्ट’ यानी हवस कहा जाता है, पर आज का युवावर्ग खुली जिंदगी जीना चाहता है. ऐसे में इसे रोकने की जहमत कौन करे.