निगाहें! निगाहें बयां करती हैं हमारी सोच को, निगाहें बयां करती हैं हमारी मानसिकता को, कई बार सिर्फ निगाहें ही किसी को इतना कष्ट दे देती हैं कि वह जीवन भर उस दर्द और कष्ट को भूल नहीं पाता. कई बार हम देखते हैं मगर देखने का अंदाज सही नहीं होता. हम आदी हो चुके हैं गलत निगाहों के, इसलिए हमें समझ में नहीं आता कि हम क्या कर रहे हैं. कई बार हमारी निगाहें इस कदर तीखी होती हैं जो किसी धारदार हथियार सरीखी तेज होती हैं, देखने का यह अंदाज किसी को चीर देने के लिए काफी होता है.
हमारी निगाहों की ऐसी धार बेहद बुरी है हमें जानना और समझना चाहिए कि हम जो देखना चाह रहे हैं उसी नजर से कोई हमें देखे तो उसके क्या मायने हैं, कल्पना कीजिये कि आपकी तेज धारदार निगाहें किसी के बदन को ढकें कपड़ों को चीर दें तो उसकी स्थिति क्या होगी या अगले इन्सान की नजरों में आपकी हैसियत क्या होगी.
हम पुरुष ऐसी निगाहों से क्यों देखते हैं जो किसी स्त्री के शर्मिंदा करने के लिए काफी होती हैं, हमारी निगाहें अक्सर कपड़े के भीतर तक झांकने की कोशिश क्यों करती हैं. हमारी निगाहें हमारे बस में नहीं हैं या फिर हमारा मन हमारे बस में नहीं हैं, अपनी निगाहों से किसी के कपड़ों को चीर देना उसे कितना कष्टकारी हो सकता है इस बात का अंदाजा आप ऐसे नहीं लगा पाएंगे.
इस बात का सही अंदाजा दिलाने के लिए भोपाल के जॉइन फिल्म द्वारा करीब दो साल पहले एक वीडियो बनाया था, इस वीडियो को अब तक करीब 13 लाख लोग देख चुके हैं, इस वीडियो को बेहद अद्भुत तरीके से फिल्माया गया है, पूरे वीडियो में गिनकर 5 डायलाग भी नहीं होंगे, फिर भी यह वीडियो आपसे बेहद सटीक संवाद करेगा. आपके अन्दर एक बार के लिए खलबली जरूर मचाएगा.