धर्मकर्म में लिपटी भाजपाई हुकूमत की सोच का दायरा ज्यादातर धर्म के इर्दगिर्द ही रहता है. गोमूत्र और गोबर से कोरोना के इलाज में असफलता के बाद अब गंगाजल में कोरोना का उपचार तलाशा जा रहा है. हालांकि, मैडिकल साइंस ने सरकार के इस अंधविश्वास की हवा निकाल दी है.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने गंगाजल से कोरोना के मरीज़ों के इलाज के मोदी सरकार के प्रस्ताव को टाल दिया है.

मालूम हो कि कोविड-19 के मरीज़ों के इलाज के लिए गंगाजल का ट्रायल करने के भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के प्रस्ताव को आईसीएमआर ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. परिषद का कहना है कि इसके लिए उसे अधिक वैज्ञानिक आंकड़ों की ज़रूरत है.

आईसीएमआर में अनुसंधान प्रस्तावों का मूल्यांकन करने वाली समिति के प्रमुख डाक्टर वाई के गुप्ता ने कहा कि फिलहाल उपलब्ध आंकड़े इतने पुख्ता नहीं हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए विभिन्न स्रोतों और उद्गमों से गंगाजल पर क्लिनिकल अनुसंधान किया जाए.

ये भी पढ़ें- Lockdown Effect: करोड़ों की रोज़ी स्वाहा

अधिकारियों ने बताया कि जलशक्ति मंत्रालय के तहत आने वाले ‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन' को गंगा नदी पर काम करने वाले विभिन्न लोगों और गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) से कई प्रस्ताव मिले हैं जिनमें कोविड-19 मरीजों के इलाज में गंगाजल के उपयोग पर क्लिनिकल अनुसंधान करने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने बताया कि इन प्रस्तावों को आईसीएमआर को भेज दिया गया.

गंगा मिशन के अधिकारियों ने बताया कि इन प्रस्तावों पर राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) के वैज्ञानिकों के साथ चर्चा की गई थी. गौरतलब है कि नीरी ने गंगा नदी के विशेष गुणों को समझने के लिए उसके जल की गुणवत्ता और गाद का अध्ययन किया था. नीरी के अध्ययन के मुताबिक, गंगाजल में बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं (बैक्टीरिया) के मुकाबले जीवाणुभोजी विषाणुओं (वायरस) की संख्या कहीं ज्यादा है. गंगा मिशन और नीरी के बीच हुई चर्चा के दौरान वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि अभी इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि गंगाजल या गंगा की गाद में विषाणुरोधी गुण हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...