आमतौर पर एक गैस्ट को होस्ट करना हानि से अधिक लाभ पैदा करता है. यह अवसर गपशप, शहर की वास्तविकता साझा करने और समय व्यतीत करने के साथ आप की दोस्ती को बढ़ाता व गहरा करता है. अतिथि-मेजबान संबंध लोगों की भलाई के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं. पहले के समय में संचार के साधन सीमित थे, इसलिए आगंतुक के लिए अपने आगमन की तिथि का पूर्वानुमान बताना संभव नहीं था. जिस के आगमन या प्रस्थान की कोई निश्चित तिथि नहीं थी, ऐसे व्यक्ति को चित्रित करने के लिए अतिथि शब्द गढ़ा गया था. परंतु, आजकल लोग मिलने या घूमने के लिए अपने देश से विदेश जाते हैं, इसलिए वहां के रीतिरिवाज जानना आवश्यक हैं.
भारतवासी आने वाले अतिथि का किसी भी समय सम्मान और शान से स्वागत करते हैं. भोजन के समय अतिथि को पहले खाने के लिए कहते हैं और पूछते हैं कि वह कुछ और चाहता है. पेरू देश में भी अतिथि को पहले खाने के लिए कहा जाता है. परंतु अमेरिका में ऐसा रिवाज नहीं है. वहां खाना सब के लिए टेबल पर परोस दिया जाता है. एक पेरू निवासी ने मुझे बताया कि अमेरिका में एक बार वह अतिथि के रूप में इस बात का इंतजार करता रहा कि उस से खाने के लिए कहा जाएगा, परंतु ऐसा रिवाज न होने के कारण उसे भूखा ही उठना पड़ा.
विदेश के रिवाज के अनुसार, पहले आप को अतिथि के बजाय तिथि बनना पड़ता है, यानी पहले आप को मेजबान से पंजीकृत कराना पड़ता है. कितने सदस्य, किस तिथि से और कितने दिनों के लिए आना चाहते हैं और वे दिन होस्ट को स्वीकार हैं. अनपेक्षित रूप से अधिक दिन ठहरने पर मेजबान को परेशानी हो सकती है. यदि आप बिना बताए किसी के यहां पहुंचते हैं तो कौलबैल या अदृश्य ताले वाला बंद दरवाजा आप का स्वागत करता है (इस विषय में पड़ोसी आप की कोई सहायता नहीं करता). होस्ट के लिए उपहार ले जाना भी आवश्यक है जैसे कि चौकलेट, फ्रूट बास्केट आदि. अपने पहुंचने से पहले उक्त पते पर होम डिलीवरी भी करवा सकते हैं.