मुंबई में एक 42 साल की मां को गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उस के 13 वर्ष के बेटे ने शिकायत की कि उस की मां और उन का बौयफ्रैंड उसे सैक्सुअली एब्यूज करते थे और इस दौरान उसे बुरी तरह टौर्चर भी कर रहे थे. मां अपने पति से अलग रह रही थी और लड़के का पिता मुंबई से पूना चला गया. बेटे की शिकायत पर वह मुंबई आया और पुलिस से कंपलेंट की.

इस कहानी में बहुत से पेंच लगते हैं पर सैक्स के उन्माद में क्या नहीं हो सकता, यह भी जानकार जानते हैं. बौयफ्रैंड को खुश करने के लिए 42 वर्षीया औरत, जिस का पति छोड़ गया हो, अगर बेटे को बौयफ्रैंड के हवाले कर दे तो कोई बड़ी बात नहीं. 13 साल का कोई बेटा सिर्फ बहकावे में आ कर मां की शिकायत करे, यह कम संभव है. वह मां के बौयफ्रैंड की तो ईर्ष्या में शिकायत कर सकता है पर फिर भी मां को बचाने की ही कोशिश करेगा.

मां का बेटोंबेटियों को बलिदान कर देने की कहानियां कम नहीं हैं. सैक्स बाजार में आमतौर पर औरतें नशे, सैक्स, पैसे की कमी, कर्ज, बीमारी आदि से इस कदर परेशान हो जाती हैं कि वे बेटियों को उसी बाजार में धकेल देती हैं और बेटों को भी अनैतिक काम करनेकरवाने को प्रेरित करती हैं.

मुंबई पुलिस का कहना है कि मुंबई में हर रोज औसतन 3 लड़कों की शिकायत आती है कि उन के साथ सैक्सुअल एब्यूज हुआ और करने वाला निकट संबंधी या परिचित ही था. इन मामलों में मांएं आमतौर पर चुप रह जाती हैं क्योंकि वे सिर्फ बेटे की खातिर घर का बैलेंस बिगड़ने से डरती हैं. वैसे भी, हमारे यहां औरतों की सुनता कौन है.

मां को आज अपने बचाव की चिंता ज्यादा होने लगी है क्योंकि अगर पति या बौयफ्रैंड छोड़ गया तो उस के पास कोई ढंग का सहारा नहीं होता. मुंबई जैसे शहर में हजारों युवतियां मांबाप को सैकड़ों मील दूर गांवकसबेशहर में छोड़ कर आती हैं. उन्हें जो भी सहारा मिलता है, उस पर चाहे जितनी ग्रीस लगी हो, चाहे जितने कांटे हों, उसे पकड़े रहना चाहती हैं और अनचाहे पैदा हुए बच्चों को बलिदान करने से कतराती नही हैं.

यह अफसोस की बात है कि ऐसे मामलों में जानकारी सतही ही रहती है. ये औरतें खुल कर सामने नहीं आतीं और इन के मन में क्या होता है, यह कम ही पता चलता है. सामाजिक व धार्मिक दबाव कितना होता है, यह आम लोगों को पता ही नहीं चलता.

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