2 मार्च, 2024 ट्रैंडटाउन की भीड़भाड़ भरी सड़कों में, जहां हैशटैग राज करते हैं और सैल्फीज मुद्रा है, कुछ अलग हो रहा था. एक नए धर्म की उत्पत्ति हो रही थी, जिस के केंद्र में एक अद्भुत, प्रभावशाली इन्फ्लुएंसर थी.
सबकुछ बहुत सामान्य, मासूम ढंग से शुरू हुआ जब एक खूबसूरत इन्फ्लुएंसर ने अपने साफसुथरे, पेस्टल रंगों की दीवार वाली रसोई में ब्रैड बनाया. दूसरे वीडियो में उन्होंने धनिया, पुदीने को कांच की बोतलों में रख कर सड़नेसूखने से बचाने की सलाह दी. तीसरे वीडियो ‘फैमिली स्पैशल’ था. सो सैंडविच को भूरे कागज की थैलियों में पैक किया गया और रविवार की पिकनिक के लिए एक लाल, चैक वाली टेबल क्लौथ के साथ एक पीली टोकरी में रखी गई.
जल्द ही अनुयायी उस के सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर आने लगे. हर प्रायोजित पोस्ट और उत्पाद अनुशंसा को इस तरह देखने लगे जैसेकि वह दैवीय आदेश हो.
जैसे अनुयायी बढ़ते गए, वैसे ही भक्ति भी बढ़ गईं. हैशटैग्स प्रार्थनाएं बन गई, अनुयायी प्तब्लैस्ड, प्तक्लोज टू नेचर और प्तपीसफुल लाइफ प्रत्येक पोस्ट के नीचे भक्तिपूर्वक टाइप करने लगे. इन्फ्लुएंसर ऐसी भक्ति में फूलनेफैलने लगीं.
भक्ति भी आधुनिक
विलासमय जीवन और प्रायोजित छुट्टियों के फोटो ‘आप की भक्ति से प्तब्लैस्ड महसूस कर रही हूं, मेरे प्यारे श्रद्धालुओ’ कैप्शन के साथ पोस्ट करने लगी. इस नए धर्म में, मंदिर स्मार्टफोन स्क्रीन है और पवित्र पाठ नियम और शर्तें हैं. वैरिफाइड अकाउंट पुजारी हैं और अनुष्ठान नवीनतम सौंदर्य उत्पाद और फैशन रुझान हैं.
आलोचक इसे ‘बेतुकी बात’ कहते हैं और मजाक उड़ाते हैं. मगर श्रद्धालु अपनी भक्ति में दृढ़ रहते हैं. वे इन्फ्लुएंसर को अनिश्चितता से भरी इस दुनिया में आशा की उस किरण के रूप में देखते हैं, जो उन्हें आधुनिक जीवन की जटिलताओं से निबटने में सहायता करेगी.