आज प्रदूषण भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है क्योंकि वायु प्रदूषण से जहां अनेक नईनई बीमारियां और दूसरी समस्याएं पैदा हो रही हैं, वहीं इस का असर उम्र पर भी पड़ने लगा है.
दिल्ली वालों के लिए बढ़ता प्रदूषण समय से पहले काल बन कर सामने आ सकता है.
शिकागो विश्वविद्यालय के ‘द ऐनर्जी पौलिसी इंस्टीट्यूट’ की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि 2022 में प्रदूषणस्तर 2021 से 19.3 % कम था जिस से उस वक्त प्रदूषण की गिरावट से लोगों की आयु 1 वर्ष बढ़ गई.
‘वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2024’ शीर्षक नाम से हाल ही में आई इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली वालों के लिए यह प्रदूषण स्लो प्वाइजन की तरह बन कर सांसों में घुल रहा है.
दिल्ली विश्व स्तर पर सब से प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है व उत्तर भारत के सब से प्रदूषित इलाकों में दिल्ली शामिल है. यदि डब्ल्यूएचओ मानक को दिल्ली पूरा नहीं कर पाती है तो लोगो की जिंदगी में 11.9 साल की कमी संभव है. भारत के अपने मानकों के अनुसार अगर दिल्ली में प्रदूषण का मौजूदा स्तर बना रहता है तो 8.5 वर्ष की कमी हो सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सालाना पीएम 2.5 मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तय है, फिर भी 40% से ज्यादा आबादी इस सीमा से ज्यादा खराब हवा में गुजरबसर कर रही है जिस कारण लोगों पर मौत का खतरा अधिक बढ़ गया है.
जानें क्या है पीएम 2.5
PM को पर्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण भी कहा जाता है. ये कण सभी के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. जब इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती हैं.
यह हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम यानि श्वसनतंत्र को प्रभावित करता है और सांस की बीमारियों को बढ़ा सकता है. ये प्रदूषण बढ़ाने वाला अहम कारक भी है.
बचाव
मानव जीवन में प्रदूषण की समस्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है. विकास के साथसाथ प्रदूषण की समस्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जिस तेजी से प्रदूषण बढ़ा है, मानव जीवन के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है जिस से बचाव करना बेहद जरूरी है.
ऐसे बचाएं खुद को
*सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें.
*इलैक्ट्रिक जैसे ऊर्जा कुशल वाहन खरीदें.
*गोइंग ग्रीन को अपना कर पर्यावरण की रक्षा करें.
*प्लास्टिक की थैलियों के प्रयोग से बचें.
*सौर ऊर्जा का प्रयोग करें.
*हमेशा रिसाइकिल करने योग्य उत्पादों का उपयोग करें.
*धूम्रपान से बचें क्योंकि यह आप को और आप के आसपास के लोगों के लिए बहुत खतरनाक है।
आम आदमी को अपने घर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कुछ जरूरी उपकारणों का सहारा लेना चाहिए क्योंकि घर के भीतर भी कुछ ऐसी गैस मौजूद होती हैं जिन्हें फिल्टर करना अति आवश्यक है अन्यथा यह आप को नुकसान पहुंचा सकती है.
किचन में चिमनी का इस्तेमाल करें, वाटर प्यूरिफायर व एअर प्यूरिफायर का प्रयोग अवश्य करें क्योंकि ये न केवल ऐलर्जन और पीएम 0.1 जितने छोटे प्रदूषक तत्त्वों को छानने में सक्षम हैं, बल्कि नुकसानदायक गैसों, जैसे वीओसी, नाईट्रोजन डाई औक्साइड आदि को भी फिल्टर करते हैं, जिस से घर स्वच्छ व प्रदूषणमुक्त होता है.